जयपुर की आरुषी भादू ने दिखाया जुनून का जादू, फैशन की दुनिया में धमाल किया।

जयपुर की आरुषी भादू  ने दिखाया जुनून का जादू, फैशन की दुनिया में धमाल किया।

खुदा से मिल गई मंजिल तो क्या, कदमों ने भी कमाल किया,  
आरुषी ने दिखाया जुनून का जादू, फैशन की दुनिया में धमाल किया।

 जयपुर की आरुषी भादू को एनआईएफटी चेन्नई के दीक्षांत समारोह में मिला गोल्ड मेडल

27 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) चेन्नई के दीक्षांत समारोह में जयपुर की आरुषी भादू को फैशन डिजाइनिंग में 4 वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्हें 11,000 रुपये की नगद राशि भी प्रदान की गई।

खुदा की इनायत और मेहनत का फल,
आरुषी ने पाया गोल्ड का हल।
आरुषी ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर स्कूल, जयपुर से पूरी की है और 2020 में सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 12 की परीक्षा में 92% अंक प्राप्त किए थे। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर एनआईएफटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एनआईएफटी चेन्नई में दाखिला लिया।

जुनून और समर्पण की मिसाल,
आरुषी ने पाया सफलता का मलाल।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि एनआईएफटी चेन्नई के निदेशक प्रोफेसर एस. कुमारेसन ने आरुषि की प्रशंसा करते हुए कहा, "आरुषी भादू ने न केवल संस्थान का नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से अपने परिवार और शहर का भी गौरव बढ़ाया है।"

गुरुओं का आशीर्वाद और परिवार का साथ,
आरुषी ने पाया जिंदगी का नया रास्ता

आरुषि ने इस अवसर पर अपने शिक्षकों और परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे यादगार दिन है। मैंने जो भी सफलता प्राप्त की है, उसमें मेरे शिक्षकों और परिवार का महत्वपूर्ण योगदान है। एनआईएफटी चेन्नई में बिताए गए चार साल मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक साल रहे हैं।"

तारावती दादी की शान,
पिता संजय का गर्व,
माता का स्नेह,
आरुषी का पथप्रदर्शक स्वर्ण।

आरुषी की दादी तारावती भादू सीकर जिले की पहली महिला जिला शिक्षा अधिकारी रही हैं। उनके पिता संजय भादू आईएफएस हैं और माता कुशल गृहिणी हैं। आरुषी की इस उपलब्धि ने जयपुर और उसके परिवार में उत्सव का माहौल बना दिया है। उनके परिवार ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि आरुषी ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।

आरुषी अब फैशन इंडस्ट्री में अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में अपने डिजाइनों के माध्यम से भारतीय फैशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना चाहती हैं। उनकी इस उपलब्धि से न केवल एनआईएफटी चेन्नई, बल्कि पूरा देश गर्वित है।