सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाने से आमजन में निराशा..

सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाने से आमजन में निराशा..


गहलोत की घोषणाएं समाज के हर तबके लिए फायदेमंद...
सुजानगढ (नि.सं.)। सुजानगढ़ को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर दशकों से लगातार संघर्ष जारी रहा है। पिछले 386 दिनों से धरना भी सुजानगढ़ में जनहित संघर्ष मोर्चा द्वारा दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट में सुजानगढ़ को जिला घोषित नहीं किये जाने से आम लोगों में निराशा का भाव है और लोगों ने कहा है कि सुजानगढ़ जिला हर हाल में लेकर रहेंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा पेश किए गए बजट में कुछ ऐसी घोषणाएं भी हैं, जिनसे प्रत्येक घर तक फायदा पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं। सुजानगढ़ की जनता सीएम अशोक गहलोत द्वारा पेश किए गए बजट के बारे में क्या सोचती है, आईए जाते हैं:-  
ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जब कोई मुख्यमंत्री अपनी सरकार का पांचवां बजट पेश कर रहा हो और एक भी नया टैक्स नहीं लगाया गया हो। इस प्रकार के निर्णयों के कारण ही घर-घर में मुख्यमंत्री की लोकप्रियता है। यह एकदम शानदार बजट है। समाज के हर तबके को, प्रत्येक वर्ग को राहत पहुंचाते हुए विकास की बात इस बजट में की गई है। प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क को हटाया जाना युवाओं के लिए आने वाले समय में वरदान साबित होगा। जिले को लेकर हमारे प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। मनोज मेघवाल, विधायक सुजानगढ़
साल भर पहले ड्रेनेज के लिए 79 करोड़ की डीपीआर तैयार करके भेजी थी। जिस पर पहले फेज के लिए 25 करोड़ का बजट विधायक महोदय की अनुशंषा पर स्वीकृत किया गया है। हमारी मांग है कि कम से कम आधी राशि पहले वर्ष स्वीकृत की जावे, ताकि डेªेनेज के कार्य को जल्द गत दी जा सके। इसी प्रकार खेल स्टेडियम की मांग भी मुख्यमंत्री से की हुई है। सीएम द्वारा पेश बजट बजट हर वर्ग को देखकर बनाया गया है। विद्यार्थी, किसानों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं, बुजुर्गों व मिडल क्लास को देखकर बनाया गया ऐसा ऐतिहासिक बजट बहुत कम देखने को मिलते हैं। निलोफर गौरी, सभापति सुजानगढ़ 
बजट में सुजानगढ़ के जिला नहीं बनने से मांयूसी है, क्षेत्र की जनता को निराशा हाथ लगी है। जो बजट पेश किया गया है, वो आंकड़ों का मायाजाल है, घोषणाएं मात्र हैं। धरातल पर इन्हें लागू करने में काफी दिक्कतें आएंगी। जयश्री दाधीच, नेता प्रतिपक्ष नगरपरिषद, सुजानगढ़
बजट हर प्रकार से विकासोन्मुखी बजट है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के हर घर तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने का प्रयास किया है, ताकि जनता का कोई भी तबका बाकी न रहे। जनता को सीधा लाभ पहंुचाने वाला बजट है। इस एतिहासिक बजट में सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाने से थोड़ी निराशा जरूर है, लेकिन बजट काफी शानदार है। डाॅ. योगिता सक्सेना, कांग्रेस नेता, सुजानगढ़
मुख्यमंत्री महोदय ने पेट्रोल-डीजल के मामले में जनता को काफी निराश किया है। पेट्रोलियम सेक्टर के लिए भी सरकार वैट कम करके जनता को अगर राहत देती, तो काफी अच्छा रहता। आस-पडौस के राज्यों से हमारे राज्य में पेट्रोल डीजल दर बहुत ज्यादा है। पेट्रोल डीजल पर वैट कम किया जाता, तो राजस्थान में इनकी कालाबालारी तो रूकती, साथ ही आम जनता को भी काफी राहत मिलती। सीमावर्ती जिलों हनुमानगढ, गंगानगर, चुरू झुंझुनूं में बहुत से पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं । लंकेश अग्रवाल, पेट्रोल पंप डीलर, सुजानगढ़। 
ऐतिहासिक ऐतिहासिक बजट आया, जो अपने आप में यह मैसेज देता है कि गरीब को गणेश मानकर अगर कोई सेवा भाव से काम करता है, तो उसका नाम हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का समान महत्व मानते हुए उन्होंने चिरंजीवी योजना में ईलाज खर्च 25 लाख तक कर दिया। विद्यार्थियों के हित में सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। केद्र सरकार द्वारा लाई गई महंगाई से जनता को राहत देने का प्रयास राजस्थान के जन जनायक गहलोत ने किया है। हितेष जाखड़, छात्र नेता व पार्षद, सुजानगढ़।


फोटो न. 5 का केप्शन: सुजानगढ विधायक मनोज मेघवाल, सभापति निलोफर गौरी, नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच, डाॅ. योगिता सक्सेना, लंकेश अग्रवाल, हितेष जाखड़।