जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग का निर्णय

जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग का निर्णय


मधुमक्खियों के हमले से मौत : दुर्घटना क्लेम देने का आदेश
एक्सीडेंट के मामलों में पोस्टमार्टम जरूरी नहीं
चूरू। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने एक  महत्वपूर्ण निर्णय में मधुमक्खियों के हमले से बीमित की मृत्यु को दुर्घटना मानते हुए बीमा कंपनी को एक्सीडेंट क्लेम के अनुसार  राशि भुगतान करने का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार राजगढ़ निवासी विद्या देवी ने आयोग के समक्ष एलआईसी के राजगढ़ ब्रांच मैनेजर व क्षेत्रीय प्रबंधक बीकानेर के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसके पति संजय कुमार द्वारा एलआईसी से दुर्घटना हितलाभ सहित बीमा पालिसी प्राप्त की गई थी। पति की अक्टूबर २०१६ में  मधुमक्खियों के काट लेने से मृत्यु हो गई किन्तु बीमा कंपनी ने पोस्टमार्टम के अभाव में इसे दुर्घटना नहीं मानते हुए एक्सीडेंट हितलाभ की राशि देने से मना कर दिया।
आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम लाटा, सदस्य संतोष मासूम व सुभाषचंद्र बरवड ने अपने निर्णय में कहा कि बीमित की मृत्यु किसी पूर्व-बीमारी के बिना अचानक मधुमक्खियों के हमले से होने से यह दुर्घटना की श्रेणी में आता है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा सन २००४ में पुलिस नियमों में किये गये संशोधन के बाद अब एक्सीडेंट के मामलों में  पोस्टमार्टम करवाना जरूरी नहीं है। इसे साबित करने के लिए पंचनामा व डाक्टर की इलाज संबंधी रिपोर्ट पेश करना ही पर्याप्त है।
आयोग ने क्लेम से इंकार करना विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम की सेवा में कमी मानते हुए मृतक की बीमा पालिसियों पर दुर्घटना हितलाभ की राशि परिवादिनी को मय ब्याज भुगतान करने तथा मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति व कानूनी खर्च के निमित्त दस हजार  रुपए भी अदा करने का आदेश एल आई सी को दिया है।