अब हर व्यक्ति की मेडिकल जानकारी आभा कार्ड में होगी संरक्षित
जयपुर टाइम्स, बालोतरा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार की योजना के तहत सभी नागरिकों के लिए डिजिटल *आभा आईडी कार्ड* (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्ड व्यक्ति की बीमारी और उपचार की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में संग्रहीत करेगा, जिससे भविष्य में अस्पताल में इलाज के दौरान पर्ची साथ ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
कैसे काम करेगा आभा कार्ड?
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वांकाराम चौधरी ने बताया कि मोबाइल से लिंक आधार कार्ड के माध्यम से 14 अंकों वाला आभा कार्ड बनाया जाएगा। इसमें व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री और उपचार से जुड़ा डेटा शामिल होगा। डॉक्टर आभा कार्ड या इसके नंबर के माध्यम से कंप्यूटर पर मरीज की मेडिकल जानकारी देख सकेंगे, जिससे सही दवा और उपचार तय करने में आसानी होगी।
आशा और एएनएम की भागीदारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि आशा और एएनएम सहयोगिनी घर-घर जाकर *आशा डिजिटल एप* और *एएनएम डिजिटल एप* के जरिये आभा कार्ड बना रही हैं। इसके लिए उन्हें राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया है। प्रक्रिया के तहत व्यक्ति का नाम, उम्र, आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है।
लोगों से सहयोग की अपील
आशा सहयोगिनी और एएनएम घरों पर जाकर लाभार्थियों का डेटा एकत्र कर रही हैं और घरों पर नंबर डाल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से इस प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की है।
यह पहल चिकित्सा सुविधाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से की जा रही है। आभा कार्ड से मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर बेहतर और सटीक उपचार संभव होगा।