जयपुर: 297 वर्षों का गौरव, गुलाबी नगरी की ऐतिहासिक धरोहरें

जयपुर टाइम्स, जयपुर।
राजस्थान की राजधानी जयपुर 18 नवंबर 2024 को अपनी स्थापना के 297 गौरवशाली वर्ष पूरे कर रही है। पिंक सिटी के नाम से मशहूर यह शहर न केवल अपनी वास्तु कला और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसे भारत का सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से एक माना जाता है।
स्थापना और ऐतिहासिक महत्व
जयपुर की स्थापना 18 नवंबर 1727 को आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। यह भारत का पहला शहर है जिसे वास्तुशास्त्र के अनुसार नवग्रह को ध्यान में रखते हुए बनाया गया। शहर के परकोटा क्षेत्र में 15 गेट बनाए गए, जो सुरक्षा और धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं। प्रत्येक गेट का नाम भगवान के नाम पर रखा गया है, जैसे चांदपोल, सूरजपोल, गंगापोल, और सांगानेरी गेट।
गुलाबी नगरी की पहचान
जयपुर को गुलाबी नगरी का दर्जा 1876 में मिला, जब 'प्रिंस ऑफ वेल्स' के स्वागत के लिए महाराजा सवाई मानसिंह ने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवाया। तब से यह परंपरा जारी है, और आज भी यहां के सभी मकान और दुकानें गुलाबी रंग में नजर आती हैं।
पर्यटन और ऐतिहासिक धरोहरें
जयपुर की शान बढ़ाने वाली ऐतिहासिक धरोहरों में जंतर-मंतर, हवामहल, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़, आमेर किला, और गोविंद देवजी मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा, राजमंदिर सिनेमा, मोती डूंगरी गणेश मंदिर और वर्ल्ड ट्रेड पार्क भी दर्शनीय स्थल हैं।
आधुनिकता और उद्योग
जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। यह शहर अपने रत्न-आभूषण, वस्त्र-छपाई, संगमरमर और हस्तकला के उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। विद्याधर भट्टाचार्य द्वारा डिज़ाइन किया गया यह शहर आधुनिक योजनाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
जयपुर, अपनी परंपरा, संस्कृति और भव्यता के साथ, भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।