स्वामी गीगदास पर्यावरण व प्रकृति सेवा सम्मान से सामाजिक कार्यकर्ता सम्मानित

स्वामी गीगदास पर्यावरण व प्रकृति सेवा सम्मान से सामाजिक कार्यकर्ता सम्मानित


प्रकृति से लेना नहीं, प्रकृति को देना भी सीखें - पद्मश्री हिम्मताराम भाम्बू
चूरू। स्थानीय ताल छापर की नेचर एनवायरमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसायटी द्वारा गुरुवार दोपहर माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर सभागार में पर्यावरण, वृक्षारोपण व जीव -जंतु संरक्षण क्षेत्र से जुड़े तेरह व्यक्तियों को स्वामी गीगदास पर्यावरण एवं प्रकृति सेवा सम्मान प्रदान किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि राज्य के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री हिम्मताराम भाम्बू ने कहा कि जीवन भर व्यक्ति इस प्रकृति से लेता ही लेता हैं । अब प्रकृति को कुछ देना भी सीखे। पद्मश्री भाम्बू ने खुश होकर कहा कि  छापर जैसा सेवा भावी कस्बा कोई दूसरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ताल छापर अभयारण्य से इस क्षेत्र का नाम विश्व विख्यात है साथ ही महाकवि कन्हैयालाल सेठिया जैसे महनीय व्यक्तित्व यहां पैदा हुए हैं। इसलिए इस क्षेत्र की धरती पुण्य धरा हैं। भाम्बू ने कहा कि आदमी अपनी बात किसी को भी कह सकता है परन्तु मूक पशु- पक्षी अपनी बात किसी को भी नहीं कह सकते। इसलिए मनुष्य का धर्म है कि वो इन लाचार पशु पक्षियों की आवाज सुने और इनका हमदर्द बने तभी जीवन सार्थक हैं। भाम्बू ने कहा कि वर्ष 2030 तक उनका लक्ष्य देश के दस लाख बच्चों से मिलने का हैं। वे उन बच्चों से मिलकर उनको पेड़ लगाने और प्रकृति के संरक्षण की सीख देंगे ताकि देश की नयी पीढी इस दिशा में आगे बढ़े।भाम्बू ने कहा कि केक काटने के बजाय सभी को अपने जन्मदिवस पर पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि छापर में सेवा का जो महत्वपूर्ण काम हो रहा है उसकी खुशबू पूरे देश दुनिया में फैल रही हैं। संस्था के कन्हैयालाल स्वामी ने आयोजकीय पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए इस क्षेत्र में छापर के लोगों का योगदान रेखांकित किया। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे  वरिष्ठ कवि राजेश विद्रोही सहित विशिष्ट अतिथि लक्ष्मीपत्त सुराणा, एडवोकेट सूर्य प्रकाश स्वामी, जयप्रकाश सोनी, जितेन्द्र तंवर, मदनलाल गुर्जर,ईश्वर सुथार आबसर आदि ने विचार व्यक्त किए। आयोजन में मुख्य वक्ता साहित्यकार डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने स्वामी गीगदास के जीवन पर प्रकाश डाला। आयोजन में आगन्तुक अतिथियों का स्वागत प्रदीप सुराणा, नानकराम तापड़िया, बजरंग लाल शर्मा, रेखाराम गोदारा,सचिव सुनील पुरोहित, हेमंत तंवर, मुकेश धाणक, निर्मल स्वामी, प्रकाश टेलर, तेजकरण उपाध्याय, संदीप पुरोहित, दिनेश दर्जी, जितेंद्र स्वामी, पन्ना राम हरिजन, कीर्ति राठौड़, बाबूलाल स्वामी, डॉ मेघना सोनी, ममता टेलर, सरोजनी देवी स्वामी आदि ने कि दीप मंत्र पं.मधुसूदन शर्मा ने उच्चारित किया।संचालन शंकर लाल सारस्वत ने किया। इनका किया सम्मान - पर्यावरण व पारिस्थितिकी विकास के क्षेत्र में कार्यरत सुजानगढ़ के स्नेक मास्टर विजय कुमार प्रजापत, देवेंद्र कुंडलिया,छापर के सरदार मल तंवर , बृजदान सामौर, रेंजर उमेश बागोतिया, इंद्रा शर्मा, लाडनूं के रामेश्वर लाल जाट,आबसर के नानूदास स्वामी,सांवरदास स्वामी, धनराज प्रजापत, ढाणी रिणवां के शीशपाल रणवां व भांगीवाद के पालाराम शर्मा को इस वर्ष स्वामी गीगदास पर्यावरण एवं प्रकृति सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान में अंगवस्त्र दुपट्टा, अभिनंदन पत्र, कृष्ण मृग का चित्र व प्रतीक चिन्ह के रूप में गौरैया का लकड़ी का घौसला भेंट किया गया। चिकित्सक का नागरिक अभिनंदन- आयोजन में छापर मूल की चिकित्सक डॉ.पूजा बिहानी का उनकी स्तुतीय व सुफलदायी सेवाओं की प्रशास्ति में नागरिक अभिनंदन किया गया। उनको अभिनंदन पत्र भेंट किया गया । डॉ पूजा बिहानी वर्तमान में जोधपुर के मथुरा दास माथुर चिकित्सालय में एनस्थीसिया विभाग में सहायक आचार्य के रूप में सेवारत हैं। आयोजन में बड़ी संख्या में छापर व आसपास के गणमान्यजन उपस्थित रहें।