अहिल्याबाई होलकर जन्म त्रिशताब्दी पर व्याख्यान, राजमाता के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान
चौमू। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (राजस्थान) उच्च शिक्षा की स्थानीय इकाई ने बुधवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय, चौमू में पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जन्म त्रिशताब्दी के उपलक्ष्य में व्याख्यान का आयोजन किया।
मुख्य वक्ता प्रो. शिवशरण कौशिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर का योगदान भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण और संवर्धन में अमूल्य है। उनके शिक्षा, समाज और कौशल विकास संबंधी विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने महिला शिक्षा और वंचित वर्ग के लिए कई संस्थानों की स्थापना की। उनके द्वारा बनवाए गए धार्मिक स्थल, सड़कों, घाटों और नहरों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. उषा परनामी ने छात्राओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई का जीवन संघर्ष और उनके कार्य प्रत्येक विद्यार्थी के लिए प्रेरणा हैं।
दौसा जिला सचिव डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने संगठन की रीति-नीति और विचारों को साझा करते हुए अहिल्याबाई के कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चंद्र मोहन राजोरिया ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक और छात्राएं उत्साहपूर्वक शामिल हुईं। आयोजन को सभी ने प्रेरणादायक बताया।