सुख - दुःख हमारे जीवन के अच्छे - बुरे कर्मों का परिणाम

सुख - दुःख हमारे जीवन के अच्छे - बुरे कर्मों का परिणाम

    खैरथल 

बाबा आयाराम दरबार अहमदाबाद के गद्दी नशीन संत जीवण राम उर्फ श्याम बाबा ने कस्बे में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में कहा कि जो हमारे जीवन में सुख - दुःख आते हैं वह हमारे अच्छे बुरे कर्मों का परिणाम है। गीता में लिखा हुआ है कि अच्छे कर्मों से जीवन में सुख आते हैं और उच्च कोटि के जीवन की प्राप्ति होती है। तुलसी दास जी कहते थे ईश्वर का सत्संग, भक्ति,हरिकथा, ईश्वर की दया परम सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलती है। इसलिए हमें सत्संग और भक्ति के द्वारा अपनी आत्मा में सोए हुए गुणों को जगाना चाहिए। धर्म और भक्ति के रास्ते पर चल कर ईश्वर का प्यारा बनना है। उन्होंने कहा कि परम आनन्द को प्राप्त करना है तो बिना प्रभु के नाम और भक्ति के नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमें धर्म और भक्ति के रास्ते पर चल कर ईश्वर का प्यारा बनना है। जब हम संसार छोड़ कर जाते हैं तो प्रभु की भक्ति और कमाया हुआ धर्म ही साथ जाता है, बाकी सबकुछ यहीं छूट जाता है। कार्यक्रम में सत्संगी परिवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे