निजी चिकित्सालय डॉक्टरों ने बिल के विरोध में दिया ज्ञापन
पाटन नीमकाथाना (निंस.)। नीमकाथाना में निजी चिकित्सालयों के डॉक्टरों ने बिल के विरोध में एक ज्ञापन एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम दिया है। जिसमें बिल का विरोध करते हुए बताया है कि निजी चिकित्सालय एवं डाइग्नोस्टिक सेन्टरस स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम को विरोध करने हेतु अस्पताल बंद रहे। सरकार स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम के तहत आपातकालीन सेवाएं निजि चिकित्सालयों में मुक्त करना चाहती है परन्तु निजी चिकित्माल्यौ को पैसे का हुआ भुगतान कैसे होगा, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है। स्वास्थ्य का मूल अधिकार सरकारी चिकित्सालयों पर लागू होता है जिन पर सरकार पैसा खर्च करती है। निजी चिकित्सालय आरजीएचएस., चिरंजीवी एवं अन्य सरकारी योजनाओं में मुफ्त इलाज कर रहे है। अत: आरजीएचएस बिए निजी चिकित्सालय पर थोपने से मरीज एवं चिकित्सक के रिस्ते खराब होगे एवं चिकित्सालयों का शौतिपूर्ण माहौल बिगड़ेगा। इस बिल के विरोध में एसडीएम नीमकाथाना को ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा एवं इस अधिनियम को रोकने की गुजारिश की। ज्ञापन देने के लिए डॉ. हरबंश गोयल अध्यक्ष, राजेश जांगिड़ सचिव, डॉ जीएस तंवर, डॉ बी.एस. बुंदेला है. एस. डॉ. शारदा मील, डॉ अभिषेक अग्रवाल, आशुतोष अग्रवाल, डॉ. अरुण फानन, कमल भटनागर, डॉ. सुमित नारायण भटनागर उपस्थित रहे।