मानवता को बचाने के लिए रचनात्मक एवं सकारात्मक प्रयास जरूरी _ एसडीएम पाटीदार।
एसडीएम पाटीदार ने किया गौशाला का निरीक्षण, गायों के किया दुलार। जहाजपुर 4 जूलाई , (अनिल सोनी) जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने काछोला में स्थित गौशाला का निरीक्षण किया और गायों को दुलार करते हुए लाड लड़ाए। इस दौरान गौशाला के पदाधिकारी भी साथ रहे।
द्वारिकाधीश सामुदायिक गौशाला काछोला पर्यावरण संरक्षण गौ सेवा जीवदया प्राणीमात्र की सेवा का अद्भुत मॉडल है। ईमानदारी जनभागीदारी और पारदर्शिता के मूलमंत्र पर गौशाला ने गौ सेवा पर्यावरण संरक्षण का कार्य सफलतापूर्वक किया। कठिन परिस्थितियोँ मेँ संघर्ष करने पर एक बहुमूल्य संपत्ति विकसित होती है जिसका नाम है आत्मबल है ।
मनुष्य को अपने आत्मबल के जरिए मानवता पर्यावरण संरक्षण प्राणीमात्र को बचाने के लिए रचनात्मक एवं सकारात्मक प्रयास करने चाहिए ।
यह बात जहाजपुर एसडीएम सुरेंद्र बी पाटीदार ने द्वारिकाधीश सामुदायिक गौशाला काछोला के विजिट के दौरान कही। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इस वर्षाकाल में सघन वृक्षारोपण करके पर्यावरण एवं मानवता प्राणीमात्र को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दें।
जहाजपुर एसडीएम माननीय सुरेंद्र बी पाटीदार ने गौशाला द्वारा की जा रही निराश्रित दुर्घटनाग्रस्त बीमार लाचार कमजोर बाजार में घूमने वाली गायों की सेवा की सराहना की। भीलवाड़ा के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्तमान अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गजेंद्र सिंह राठौड़ ,जिला कलेक्टर महावीर शर्मा द्वारा राजस्थान में राज्य सरकार के माध्यम से सर्वप्रथम काछोला कस्बे में स्वीकृत की गई गौशाला में पर्यावरण संरक्षण गौ सेवा के इस महत्वपूर्ण कार्य को प्रशासन और पब्लिक के संयुक्त प्रयासों से विकसित होने पर खुशी जाहिर की।
जिला कलेक्टर शाहपुरा को गौशाला के संबंध में दिया फीडबैक।
जहाजपुर एसडीएम सुरेंद्र बी पाटीदार ने द्वारिकाधीश सामुदायिक गौशाला काछोला द्वारा सोशल मीडिया का वास्तविक और सार्थक प्रयास करके जन भागीदारी के जरिए निराश्रित गौ माता की सेवा पर्यावरण संरक्षण प्राणी मात्र की सेवा के कार्यों के संबंध में शाहपुरा जिला कलेक्टर आईएएस माननीय राजेंद्र सिंह शेखावत को फीडबैक दिया है।
आज इस अवसर पर काछोला नायब तहसीलदार कैलाश मीणा ,द्वारकाधीश सामुदायिक गौशाला के सचिव डॉ एनके सोनी , द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य पुजारी रामस्वरूप धाकड़ , गौशाला के कर्मचारी देवीलाल धाकड़ ,भवानी शंकर बैरवा आदि उपस्थित थे।