जयपुर जिला कलेक्टर एक और कारगर प्रयास 

जयपुर जिला कलेक्टर एक और कारगर प्रयास 

 ‘ऑपरेशन कवच 4.0’ अभियान: बड़ी कार्रवाई, 7 लाख से अधिक का राजस्व वसूला
जयपुर टाइम्स 
जयपुर। जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी अपने नवाचारों और बेहतरीन कार्य शैली से प्रदेश में चर्चित आईएएस अफसर बन गए हैं। वर्षो से बंद रास्तों को खुलवाने का अभियान चलाने के बाद दिव्यांगो के लिए सक्षम अभियान चलाया। अब सोनी ने लापरवाही के विरुद्ध अभियान चलाया है जिसका नाम है ऑपरेशन कवच। इसके तहत जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर कार्यालय प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (प्रथम) की ओर से गुरुवार को ‘ऑपरेशन कवच 4.0’ के तहत विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में कुल 82 चालान बनाए गए और चालान राशि के तौर पर 7 लाख रुपये से अधिक का राजस्व वसूला गया। इसके अतिरिक्त, 1 लाख 25 हजार रुपये की राशि सीएफ के रूप में प्राप्त हुई। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (प्रथम) राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि ऑपरेशन कवच 4.0 का उद्देश्य सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करवाना है। इस सघन जांच अभियान के तहत ओवरलोड, ओवर क्राउड, ओवर प्रोजेक्टेड वाहनों के साथ-साथ रश ड्राइविंग, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का उपयोग, बिना हेलमेट, बिना फिटनेस प्रमाण पत्र और बिना पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र) जैसे नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। शेखावत ने बताया कि इस अभियान के दौरान कई ऐसे वाहन भी पाए गए जो नियम विरुद्ध संचालित हो रहे थे। ऐसे वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीयन निलंबित करने की कार्रवाई भी की गई। यह अभियान विशेष रूप से ओवरलोड वाहनों और सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की अनदेखी करने वाले चालकों पर केंद्रित था। डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि जिले में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए इस तरह के अभियान जारी रहेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे यातायात नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। प्रवर्तन दलों की ओर से चलाए गए इस अभियान की सफलता में जिला प्रशासन की सख्ती और टीम की सतर्कता अहम रही। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाकर सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘ऑपरेशन कवच 4.0’ के तहत यह कार्रवाई न केवल राजस्व में वृद्धि का माध्यम बनी है, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा को लेकर आमजन में जागरूकता फैलाने में भी मदद मिली है।