ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा राजस्थान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा राजस्थान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

जयपुर,  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न विकासकर्ताओं के साथ आयोजित बैठक में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की कि राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस दिशा में नवीकरणीय ऊर्जा का अहम योगदान है और प्रदेश में पम्प भण्डारण परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई नीति लाने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में पम्प भण्डारण परियोजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस नई नीति से निवेशकों को पम्प भण्डारण परियोजनाओं की स्थापना और संचालन के संबंध में स्पष्ट मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे वे इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे। मुख्यमंत्री ने विकासकर्ताओं से उनके सुझाव मांगे, जिन्हें राज्य सरकार उचित परीक्षण कर आगामी नीति में शामिल करेगी।

7100 मेगावाट की परियोजनाओं के लिए चिन्हित स्थान:

बैठक में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पम्प भण्डारण परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 8 संभावित स्थानों पर 7100 मेगावाट की पम्प भण्डारण परियोजनाओं का चिन्हीकरण किया गया है। कई विकासकर्ता भी इन परियोजनाओं से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में इन परियोजनाओं पर राजस्थान विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी-2019 और राजस्थान अक्षय ऊर्जा नीति-2023 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की इस नई नीति से प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा और राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। उन्होंने कहा कि पम्प भण्डारण परियोजनाएं प्रदेश के लिए ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन और पर्यावरण अपर्णा अरोरा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और निजी विकासकर्ताओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों से पम्प भण्डारण परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

इस नीति के लागू होने से राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जाएगा, जिससे राज्य में न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार का यह कदम नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने और प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।