अतिक्रमण हटाकर शुरू किया पालना गृह, नवजातों को मिलेगा सुरक्षित आश्रय
अलवर।
बाल अधिकारिता विभाग, अलवर ने राजकीय संप्रेषण एवं किशोर गृह, हसन खां मेवात परिसर में लंबे समय से अतिक्रमण के कारण बंद पड़े पालना गृह को पुनः स्थापित किया। लगभग 7 वर्षों से संप्रेषण गृह के बाहर टेबल, कुर्सी और बेंच लगाकर अतिक्रमण किया गया था, जिससे पालना गृह का उपयोग संभव नहीं हो पा रहा था।
अतिक्रमण हटाकर बनाया सुरक्षित वातावरण:
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविकांत के निर्देश पर गृह प्रबंधन समिति ने यह निर्णय लिया कि पालना गृह को बच्चों के लिए अनुकूल और सुरक्षित बनाया जाएगा। जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाकर क्षेत्र को मुक्त कराया गया। इसके बाद लोहे की फेंसिंग, पौधारोपण, और प्रवेश के लिए लोहे का द्वार लगाया गया।
पालना गृह की कार्यप्रणाली:
पालना गृह नवजात शिशुओं के सुरक्षित परित्याग की सुविधा प्रदान करता है। जैसे ही कोई व्यक्ति पालना में बच्चा छोड़ता है, लगभग दो मिनट में सायरन बजता है, जिससे स्टाफ को तुरंत जानकारी मिल जाती है।
विशेष भूमिका निभाने वाले अधिकारी
इस कार्य में सहायक निदेशक रविकांत, अधीक्षक संजय वर्मा, संरक्षण अधिकारी सतीश चौधरी, योगेश तिवारी, कनिष्ठ सहायक और मैनेजर खेमचंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अलवर जिले में यह पालना गृह एक आवश्यक सुविधा है, जो न केवल नवजातों को सुरक्षित आश्रय देता है, बल्कि उनके जीवन को बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है।