चीता लैंडस्केप पर राजस्थान-मध्यप्रदेश की संयुक्त बैठक में एमओयू और कार्ययोजना पर बनी सहमति
सवाई माधोपुर, 29 नवंबर। मुख्यमंत्री राजस्थान द्वारा चीता लैंडस्केप के संबंध में की गई बजट घोषणा के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकों की संयुक्त अध्यक्षता में अंतरराज्यीय कमेटी की पहली बैठक रणथंभौर में आयोजित की गई। बैठक में चीता परियोजना को गति देने और दोनों राज्यों के समन्वय से इसे प्रभावी ढंग से लागू करने पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शुभरंजन सैन, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री कृष्णामूर्ति, कुनो नेशनल पार्क के क्षेत्र निदेशक श्री उत्तम कुमार शर्मा, और राजस्थान के प्रधान मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक श्री पवन कुमार उपाध्याय, रणथंभौर टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक श्री अनूप के.आर. समेत 12 उप वन संरक्षकों ने भाग लिया। इसके अलावा नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अभिषेक कुमार और भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बैठक में चीतों को वाइल्ड में छोड़ने के लिए "एरिया ऑफ कंफ्लिक्ट" और "एरिया ऑफ कंसर्न" की पहचान पर चर्चा की गई। दोनों राज्यों ने प्रबंधन के लिए विस्तृत रोडमैप और एमओयू पर सहमति व्यक्त की। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी स्टडी जल्द पूरी करने और चीतों की फ्री रेंज मूवमेंट के लिए SOP तैयार करने का निर्णय लिया गया।
राजस्थान के वन मंडल स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने, जिला प्रशासन के साथ बैठकें आयोजित करने, और वेटेरनरी डॉक्टरों और वन स्टाफ को कुनो नेशनल पार्क में प्रशिक्षित करने पर सहमति बनी।
इस बैठक के निष्कर्षों से चीता परियोजना को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे दोनों राज्यों के समन्वित प्रयासों से चीतों के संरक्षण और प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।