सांसद बेनीवाल ने बाखासर में पोर्ट विकसित करने की मांग, विकास की उम्मीदें जगीं
रावतसर। बाड़मेर जिले के बाखासर में कृत्रिम नहर के माध्यम से सूखा बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) विकसित करने की सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल की मांग पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने जानकारी दी कि राजस्थान सरकार ने बाखासर में पोर्ट विकास पर पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की है। इसके लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (आईआईटी मद्रास) को जलमार्ग की गणितीय मॉडलिंग का कार्य सौंपा गया है।
कच्छ से जुड़ने वाला जलमार्ग
सांसद बेनीवाल ने बताया कि बाखासर से कच्छ के रण तक 490 किमी लंबा जलमार्ग विकसित करने से राजस्थान को नया आयात-निर्यात केंद्र बनाया जा सकता है। यह पोर्ट मुंद्रा पोर्ट को जोड़ते हुए संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल जैसे देशों तक माल भेजने के लिए सुगम मार्ग प्रदान करेगा। यह परियोजना राजस्थान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और व्यापार, उद्योग और रोजगार में वृद्धि होगी।
खनिज और कृषि उत्पादों के लिए बड़ा अवसर
बाड़मेर, जो खनिज पदार्थों और कृषि उत्पादों का प्रमुख केंद्र है, इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होगा। सांसद ने कहा कि इस क्षेत्र के ग्रेनाइट, तेल, गैस, जीरा, ग्वार, अनार और अन्य उत्पाद निर्यात के लिए अधिक सुलभ होंगे। यह योजना राजस्थान को उत्तर भारत का प्रमुख आर्थिक केंद्र बनाने में सहायक होगी।
24 वर्षों से लंबित योजना को मिली गति
24 साल पहले शुरू की गई इस योजना पर अब तक कार्य नहीं हो सका था। हाल ही में केंद्र और राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल की है। जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और अन्य विभागों की कमेटी ने इस योजना के सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया है।
पोर्ट से जुड़े रोजगार और विकास
यह परियोजना न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि मूलभूत सुविधाओं के विस्तार में भी सहायक होगी। यह राजस्थान को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।