महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने को FOGSI का 16 दिवसीय अभियान शुरू

महिलाओं के खिलाफ हिंसा समाज के विकास में एक बड़ी बाधा बनी हुई है। घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या, कार्यस्थल पर शोषण और बाल विवाह जैसी समस्याएं महिलाओं की प्रगति और आत्मनिर्भरता को बाधित करती हैं। इन गंभीर मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
इस कड़ी में, फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज़ ऑफ इंडिया (FOGSI) ने “नो टू वायलेंस अगेंस्ट वूमेन” अभियान शुरू किया है। 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलने वाला यह 16 दिवसीय अभियान महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने और समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है।
अभियान के तहत संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, स्वास्थ्य शिविरों और सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए इस संदेश को व्यापक रूप से फैलाया जा रहा है।
FOGSI का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता को बढ़ावा देना है। इस अभियान में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी संवेदनशील बनाने पर जोर दिया गया है, ताकि पीड़ित महिलाओं को मानसिक, कानूनी और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।
समाज की भागीदारी इस अभियान की सफलता के लिए बेहद जरूरी है। परिवारों और कार्यस्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना और बच्चों को बचपन से ही महिलाओं के प्रति सम्मान का पाठ पढ़ाना, हिंसा मुक्त समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
FOGSI का यह अभियान महिलाओं को गरिमापूर्ण और सुरक्षित जीवन जीने में मदद करता है। यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि महिलाओं के प्रति हिंसा समाप्त हो और समाज में समानता व सम्मान का माहौल स्थापित हो। आइए, मिलकर कहें, “नो टू वायलेंस अगेंस्ट वूमेन।”