विशेष योग्यजन हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं -सोनी

- श्री चन्द्रप्रभु विकलांग कल्याण समिति अलवर में हुआ सेमिनार/विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
अलवर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के एक्शन प्लान के मुताबिक एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) हरेंद्र सिंह के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) मोहनलाल सोनी के द्वारा मंगलवार को 'विश्व विकलांग दिवसÓ के उपलक्ष्य में 'संबल भवनÓ 200 फीट बाईपास रोड, अम्बेडकर नगर, अलवर में श्री चन्द्रप्रभु विकलांग कल्याण समिति अलवर के संयुक्त तत्वाववधान में सेमिनार/विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन व सरस्वती पूजन के साथ किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) मोहनलाल सोनी रहे। सोनी के द्वारा उपस्थितजन को अंतरराष्ट्रीय विशेष योग्यजन दिवस पर विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि विशेष योग्यजन हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं। कोई भी व्यक्ति जिसके शारीरिक या मानसिक कार्य बाधित हैं, लेकिन उसके पास कुछ विशेष कौशल या ताकत है तो उसे विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति माना जाता है। इस दिवस का उद्देश्य विशेष योग्यजनों के अधिकारों की रक्षा करना, उनकी समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज में उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
सोनी द्वारा बताया गया कि समाज में विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये चुनौतियों मुख्य रूप से कुछ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक स्थानों में विकलांग व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुविधाओं का अभाव, विकलांग छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा और सहायता सेवाओं तक सीमित पहुंच उनकी शैक्षणिक प्रगति में बाधा बनती है। विकलांग व्यक्तियों को उपयुक्त रोजगार के अवसर प्राप्त करने में, कार्यस्थलों पर भेदभाव, जागरूकता की कमी और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा उनके पेशेवर विकास में बाधा बनता है, विकलांग व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाली स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सीमित होना, सार्वजनिक परिवहन प्रणालियाँ विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए स्वतंत्र रूप से यात्रा करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, वित्तीय बाधाएं एक बडी बाधा हो सकती हैं, विशेषकर यदि विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरणों, चिकित्सा उपचारों या विशेष सहायता सेवाओं की आवश्यकता हो, जिनके लिए अतिरिक्त लागत आ सकती है, सहायक प्रौद्योगिकियों, जैसे श्रवण यंत्र, गतिशीलता यंत्र, कैलिपर, ट्राइसाइकिल और संचार उपकरणों की उपलब्धता और सामर्थ्य, कुछ विकलांग व्यक्तियों के लिए यह एक चुनौती हैं।
सोनी ने बताया कि विशेष योग्यजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं, जिनमें विशेष योग्यजन अधिकार अधिनियम 2016 जो विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को मान्यता देता है और उनके सशक्तीकरण और अवसरों के लिए पुन: कार्य करने का आधार प्रदान करता है। इस अधिनियम ने विकलांगता की परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें 21 स्थितियां शामिल कर दीं, जिनमें शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकलांगताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। यह अधिनियम शिक्षा, सरकारी नौकरियों और पदोन्नति में विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। यह विकलांग व्यक्तियों के विरुद्ध भेदभाव को प्रतिबंधित करता है और रोजगार, शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में समान अवसरों पर जोर देता है। यह अधिनियम विकलांग व्यक्तियों की कानूनी क्षमता को कायम रखता है। साथ ही श्री सोनी द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा भी विशेष योग्यजनों के लिए अनेक योजनाएं जैसे पेंशन योजना, विशेष योग्यजन शिक्षा योजना आदि चला रखी है। तत्पश्चात् जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलवर के पैरा लीगल वॉलेंटियर श्री मुस्तफा खान द्वारा विशेष योग्यजनों के कानूनी अधिकारों एवं नालसा/रालसा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
इस मौके पर श्री चन्द्रप्रभु विकलांग कल्याण समिति द्वारा स्वनिर्मित कृत्रिम अंगों का सोनी द्वारा अवलोकन किया गया एवं नालसा के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 15100 के पोस्टर लगाए गए। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए एवं कक्षा 10 या उससे अधिक कक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों, राज्य, राष्ट्र्रीय स्तर पर भाग लेने वाले खिलाडियों एवं किसी क्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय कार्य करने वाले दिव्यांग बच्चों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान खिल्लीमल जैन, संरक्षक (पूर्व नि:शक्तजन आयुक्त), अशोक जैन, अध्यक्ष, हरीश कालरा, पूर्व अध्यक्ष, सुरेशचंद गुप्ता, विशिष्ट अतिथि, नारायण बिहारी शर्मा, पूर्व महामंत्री, अशोक गुप्ता(मेठी), अध्यक्ष अपनाघर आश्रम, गोविन्द गोयल, विशिष्ट अतिथि, सीताराम शर्मा, कार्याध्यक्ष, नरेन्द्र जैन, महामंत्री, कैलाश चंद गुप्ता, मंत्री, ताराचंद अग्रवाल, कोषाध्यक्ष, गिरीश गुप्ता, कार्यक्रम संयोजक, संजय जैन, सदस्य, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर से कनिष्ठ सहायक, अमित अरोडा, रविन्द्र जाट, पैरा लीगल वॉलेंटियर मुस्तफा खान आदि उपस्थित रहे।