दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मैत्रीपूर्ण सेवाओं और विधिक सहायता पर चर्चा
जयपुर टाइम्स
अलवर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलवर द्वारा नालसा (बच्चों के लिए बाल मैत्रीपूर्ण सेवाएं) योजना, 2024 के तहत दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार को जिला न्यायालय परिसर के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सेशन न्यायाधीश हरेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलन और सरस्वती पूजन के साथ किया।
न्याय और मानवता पर प्रेरक संबोधन
जिला न्यायाधीश हरेंद्र सिंह ने "ईश्वर जब पूछेगा तुमसे ऊपर, बोलो क्या जवाब तुम दोगे" पंक्तियों के माध्यम से अच्छे कर्मों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सफलता मेहनत और दूसरों के आशीर्वाद से मिलती है। साथ ही, नालसा की योजनाओं और बच्चों के लिए बाल मैत्रीपूर्ण सेवाओं के उद्देश्यों से अवगत करवाया।
प्रशिक्षण सत्र की मुख्य जानकारियां
- महेश गोठवाल ने नालसा योजना के कानूनी और नीतिगत ढांचे पर चर्चा की।
- मोहनलाल सोनीने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की विस्तृत जानकारी दी।
- मुस्तफा खान ने पैरा लीगल वॉलेंटियर्स के कर्तव्यों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
- राजेश शर्मा ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और बाल कल्याण समिति के कार्यों को रेखांकित किया।
- स्वाति पारीक ने जेजे अधिनियम के तहत बच्चों के देखभाल, संरक्षण और पुनर्वास के प्रावधानों की व्याख्या की।
विशेष सहभागिता
कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारी, पैनल अधिवक्ता, पैरा लीगल वॉलेंटियर्स, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा ने किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विधिक सहायता और बाल अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।