भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में समुद्री क्षेत्र निभाएगा प्रमुख भूमिका: उपराष्ट्रपति धनखड़
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई समुद्री शक्ति के रूप में अपनी भौगोलिक स्थिति और उन्नत बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर वैश्विक समुद्री पहलों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
सागरमाला कार्यक्रम की सराहना
धनखड़ ने सरकार के सागरमाला कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह बंदरगाहों को औद्योगिक समूहों और लॉजिस्टिक नेटवर्क से जोड़कर व्यापक तटीय विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि तटीय नौवहन विधेयक 2024 नियामक ढांचे को मजबूत कर बहु-मोडल व्यापार संपर्क को बढ़ावा देगा।
भारत: निवेश और अवसर का गंतव्य
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे तट, 13 प्रमुख बंदरगाह और 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह इसे एक निर्विवाद समुद्री शक्ति बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के बंदरगाह हर साल 1,200 मिलियन टन कार्गो का संचालन करते हैं, जो समुद्री क्षेत्र के महत्व को दर्शाता है।
समृद्ध समुद्री इतिहास
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत का समुद्री इतिहास 5,000 वर्षों से अधिक पुराना है। हड़प्पा सभ्यता से लेकर मध्यकालीन मसाला व्यापार तक, भारत ने वैश्विक व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने का आह्वान
सोनोवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए समुद्री क्षेत्र के मूल्यों और अनुभवों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने सम्मेलन को विचार-विमर्श और सहयोग का मंच बताया, जहां नीति निर्माता और समुद्री पेशेवर भविष्य के समाधान तैयार कर सकते हैं।