सिंधु जल संधि स्थगित: भारत का बड़ा कदम, पाकिस्तान में सूखे के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ा

सिंधु जल संधि स्थगित: भारत का बड़ा कदम, पाकिस्तान में सूखे के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ा

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके तुरंत बाद भारत ने चिनाब नदी का फ्लो रोका और 26 अप्रैल को झेलम नदी में अचानक पानी छोड़ दिया। 

भारत ने पानी का डेटा शेयर नहीं किया, जिससे पाकिस्तान में अचानक जल संकट और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालात संभालने के लिए पाकिस्तान को 'वाटर इमरजेंसी' घोषित करनी पड़ी। 

1960 में हुए सिंधु जल समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों का और पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों का पानी इस्तेमाल करने का अधिकार मिला था। अब भारत ने इस समझौते को स्थगित कर अपनी जल नीति में बड़ा बदलाव किया है। 

विशेषज्ञों के अनुसार भारत तीन चरणों में अपनी रणनीति पर काम कर रहा है — पहले पानी का फ्लो कंट्रोल करना, फिर समय-समय पर पानी छोड़ा या रोका जाना, और अंत में अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करते हुए अपने हितों की रक्षा करना। 

भारत के इस कदम से पाकिस्तान में पहले सूखे जैसी स्थिति और फिर अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जानकार मानते हैं कि यह भारत की एक बड़ी लॉन्ग-टर्म प्लानिंग का हिस्सा है, जो भविष्य में पाकिस्तान पर बड़ा दबाव बनाएगी। 

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