डेनमार्क के सहयोग से राजस्थान में जल प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता को मिलेगा नया आयाम  

डेनमार्क के सहयोग से राजस्थान में जल प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता को मिलेगा नया आयाम  

 

जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के पहले दिन डेनमार्क पर केंद्रित कंट्री सेशन में जल प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता, और औद्योगिक निवेश पर चर्चा हुई। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि डेनमार्क की उन्नत तकनीकें राजस्थान के जल संकट को हल करने और राज्य को "विकसित भारत" के लक्ष्य में योगदान देने में मदद करेंगी।  

साझेदारी और तकनीकी सहयोग पर जोर: 
मंत्री चौधरी ने *'Water Management in Liveable Cities' थीम पर डेनमार्क से साझेदारी का आह्वान करते हुए जल वितरण और औद्योगिक निवेश में सहयोग का आश्वासन दिया। प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने जल की कमी और फ्लोराइड की समस्या पर चर्चा की और डेनमार्क से तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया।  

डेनमार्क की रुचि और अनुभव साझा:  
डेनमार्क के मंत्री सलाहकार सोरेन एन कानिक-मार्क्वार्डसन ने जल प्रबंधन में डेनमार्क की सफलता की कहानी साझा की और राजस्थान में निवेश व साझेदारी की रुचि जताई।  

अन्य वक्ताओं के विचार:  
IIT जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल, रैंबोल इंडिया की राजनी धीमन, और कार्ल्सबर्ग इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट ऋषि चावला ने जल प्रबंधन और औद्योगिक अवसरों पर विचार रखे। डेनमार्क के अन्य वक्ताओं ने पवन ऊर्जा, स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, और ऊर्जा दक्षता के महत्व पर चर्चा की।  

सत्र का समापन जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त सचिव संदीप शर्मा ने डेनमार्क के सहयोग को राजस्थान की प्रगति का मील का पत्थर बताते हुए किया।