भूजल स्तर में सुधार और पेयजल आपूर्ति पर समन्वित प्रयास: जिला कलक्टर ने ली अलवर शहर की जल प्रबंधन पर बैठक

भूजल स्तर में सुधार और पेयजल आपूर्ति पर समन्वित प्रयास: जिला कलक्टर ने ली अलवर शहर की जल प्रबंधन पर बैठक

अलवर, 11 अक्टूबर। अलवर शहर में गिरते भूजल स्तर और पेयजल आपूर्ति में सुधार के लिए शुक्रवार को जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने मिनी सचिवालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की। बैठक में उन्होंने पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए समन्वित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

जिला कलक्टर ने कहा कि अलवर शहर पूरी तरह भूमिगत जल पर निर्भर है, इसलिए जल प्रबंधन की समन्वित कार्य योजना बनाकर भूजल रिचार्ज और जल के प्रभावी उपयोग पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने जलदाय विभाग को निर्देश दिए कि कम पानी वाले बोरवेल को गहरा करने और नए बोरवेल शुरू करने के तात्कालिक प्रस्ताव तैयार करें।

अवैध कनेक्शनों की पहचान और सिलीसेढ़ से जलापूर्ति
डॉ. शुक्ला ने अधिकारियों को 15 दिनों में अवैध जल कनेक्शन की पहचान करने के निर्देश दिए और कहा कि सिलीसेढ़ झील से जलापूर्ति की योजना के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया 7 दिनों में पूरी होनी चाहिए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि भूमि आवंटन के तुरंत बाद निविदा प्रक्रिया शुरू कर अगले ग्रीष्म ऋतु से पहले जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।

वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर
कलक्टर ने कहा कि सभी सरकारी और व्यावसायिक भवनों में अनिवार्य रूप से वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएं। इसके लिए आम जनता को जागरूक किया जाएगा और नियमानुसार संरचना न बनाने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने अगले तीन महीनों में सभी सरकारी कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार कराने के निर्देश भी दिए।

परंपरागत जल स्रोतों का पुनरुद्धार
जिला कलक्टर ने शहर के परंपरागत जल स्रोतों का सर्वे और उनके जीर्णोद्धार के लिए नगर निगम आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। प्रारंभिक चरण में 5 जल स्रोतों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई जाएगी।

एसटीपी के पानी का उपयोग
उन्होंने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से शोधित पानी का उपयोग गार्डनों और शहर के डिवाइडरों की सिंचाई के लिए करने के निर्देश दिए। उन्होंने रेजिडेंशियल सोसायटियों को भी इस पानी का उपयोग पार्कों की सिंचाई के लिए सुनिश्चित करने को कहा।

बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी योजनाओं पर चर्चा की और त्वरित कार्यान्वयन के लिए निर्देश प्राप्त किए।