बामनेरा पंचायत में जिम्मेदारों की लापरवाही से पंचायत वासियों को मिली अँधेरे की सौगात
ग्राम पंचायत की अनदेखी: समस्या है तो मुद्दा उठेगा ज़िम्मेदारो की उदासीनता से सोलर लाइटें बंद,लोग पस्त वर्षो से अंधेरे में डूबे ग्रामीण,सौर ऊर्जा लाइट के लिए तरसते लोग
सुमेरपुर । आमजन की बेहतर सुविधा के लिए गांव-गांव में लगाई गई सौर ऊर्जा लाइट मात्र शो-फीस साबित हो रही है। रखरखाव तथा देखभाल के अभाव में गली,सड़क,चौराया पर लगी सौर ऊर्जा लाइट कबाड़ साबित हों गई है और गालियों में अंधेरा छा गया है। ऐसा ही मामला सुमेरपुर पंचायत समिति के अधीनस्थ ग्राम पंचायत बामनेरा में सामने आया है जहां पूर्व में लगी सोलर लाइट जिम्मेदारों का इंतजार कर रही है। लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि समस्याओं के प्रति बेसुध होकर अपनी मस्ती में मस्त है। आप बता दे की ग्राम पंचायत के राजस्व गांव बामनेरा,पोयना, धनपुरा में ग्रामीणों के लिए सौर ऊर्जा लाइट लगाई गई थी जो की पूरी तरह कबाड़ बन चुकी है, इसका कोई धनी धोरी नहीं है। ग्राम पंचायत प्रशासन की अनदेखी के चलते गांवो में लाइट कई वर्षों से बंद पड़ी है,गलियों में अधेरा ही अंधेरा छाया रहता है जिससे लोगों को रात में काफी परेशानी होती हैं। दरअसल गांव पोयना में करीबन एक दर्जन से अधिक सौर ऊर्जा लाइट लगी हुई है उसमें से एक भी लाइट चालू नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर सरपंच समेत ग्राम पंचायत प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन बंद पड़ी सौर ऊर्जा लाइट की और नहीं देखा जिससे ग्राम वासियों को सुविधा मिल सके।
"देखरेख के अभाव में कबाड़ हुई लाइट*
गांव में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं, जिसकी जंग ग्रामीण लड़ने को मजबूर हैं। गांव में सौर ऊर्जा हो या नाली,सड़क इस पर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसका खमियाजा ग्रामीण भूगतने को आतुर है। देखरेख एवं रखरखाव के अभाव में गांव में लगी सौर ऊर्जा लाइट कबाड़ और भंगार बन गई है। किसी में बैटरी तो किसी में लाइट खराब पड़ी है। मुद्दा है तो उठेगा ही ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर जिम्मेदारों का कई बार ध्यान आकर्षित किया गया लेकिन जिम्मेदारों ने आज दिन तक इस पर नजर नहीं डाली,जबकि जिम्मेदार वहां से रोजाना गुजरते हैं लेकिन आंख मूंदकर वहां से चल पड़ते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आज दिन तक गांव में सरपंच को नहीं देखा जिससे हमारी समस्या से अवगत कराया जा सके। हमारी कोई सुनने वाला है ही नहीं।
विकास का वादा थोथा
पाली सांसद पीपी चौधरी एवं पूर्व कॉर्पोरेट मंत्री भारत सरकार द्वारा इन लाइटों को लगाकर ग्राम पंचायत को सौपा था। परंतु लाइट लगाने के बाद एक बार भी ग्राम पंचायत और जिमदारों ने पलट कर नहीं देखा गया है,जिसके चलते गांवों में लगी लाइट कबाड़ साबित हो रहा है। ग्रामीण अंचलों की गलियों व चौक चौराहों में लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई लाइट बंद पड़ी हुई है। वहीं,आसपास के गांवों में लगी अधिकतर लाइटें बंद होने से इन्हें लगाने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा। लोगों को अंधेरे में ही आवाजाही करने को विवश होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत के अधीनस्थ राजस्व ग्राम पोयना में 10 से अधिक सौर लाइट गलियों में लगी हुई है, जिसमें से मात्र एक या दो लाइट कभी कबार लगती दिखाई देती हैं। बाकी सभी पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लाखों रुपये की लागत से वर्षों पहले सौर उर्जा लाइट लगाई गई थी। जो कुछ ही दिनो तक ठीक से नहीं जली और वह बंद पड़ी हुई है। गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए लगाई गई लाइट बंद होने से ग्रामीणों को रात में काफी परेशानी उठानी पड़ती हैं। ग्रामीणों ने बताया कि
शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आपको बता दे की खराब पड़ी सोलर लाइट को खोलकर ग्राम पंचायत प्रशासन ले गया था,परंतु साल भर बीत जाने के बाद लाइट आज दिन तक नहीं लगी है। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त हैं।
कई बार उठा मुद्दा फिर भी समाधान नहीं
ग्रामीणों ने कहा कि सोलर ऊर्जा लाइट का मुद्दा कई बार उठ चुका है। इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। यही हाल पोयना में लगी सोलर लाइटों में भी देखने को मिलेगी, जहां लोग समस्याओं से पस्त है,वही जिम्मेदार और जनप्रतिनिधि अपनी मस्ती में मस्त है। ऐसे में सोलर लाइट शुरू नहीं होने के कारण ग्रामीण भयभीत हैं।सौर ऊर्जा लाइट से जगमगाने का सपना साकार होते नहीं दिख रहा है। इससे प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधि खुद बेबस है।
गांव में लगवाई गई लाइटें मात्र शो-पीस बन कर रह गई है। कुछ दिनों तक जलने के बाद गांव में लगाई गई लाइट काम नहीं कर रही है। वहीं ग्रामवासियों ने बताया कि सांसद एवं पुर्व कारपोरेट मंत्री चौधरी द्वारा लगाई गई लाइटों की देखभाल करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की बनती हैं,लेकिन ग्राम पंचायत समेत जिम्मेदार इस समस्या से बेखबर हैं। इस बारे में ग्राम पंचायत एवं सरपंच को सूचित करने के बावजूद भी अभी तक मरम्मत के लिए कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। सोलर लाइट बंद होने से इन चौक चौराहों पर एवं गांव की गलियों में अंधेरा रहता है। अब आलम यह है कि सोलर लाइट के खंभों पर भी जंग लग गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में कई बार सूचना दी गई,तब जाकर खंभों से लाइट एवं बैटरी खोलकर लें गए,परंतु लंबे समय के बाद आज दिन तक दोबारा लाइट या बैटरी नहीं लगी है, जिसे वापस गांव रोशन हो सके। इसके बाद भी अभी तक सुध नहीं ली गई है। गांव में सोलर लाइटों के पोल व संयंत्र व्यर्थ में लगे हुए हैं। हालात यह है कि किसी में बल्ब,बैटरी खराब है।