ईसरदा बाँध परियोजना: पेयजल संकट के समाधान की ओर बड़ा कदम 

ईसरदा बाँध परियोजना: पेयजल संकट के समाधान की ओर बड़ा कदम 

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में ईसरदा बाँध परियोजना को जनवरी 2025 तक पूर्ण करने के प्रयास तेज़ी से जारी हैं। इस परियोजना से बीसलपुर बाँध के ओवरफ्लो और बनास नदी के वर्षा जल का समुचित प्रबंधन संभव होगा। इसके जरिए दौसा और सवाईमाधोपुर जिलों के 1256 गांव और 6 शहरों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।  

राजस्थान की जल समस्या का समाधान:  
राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पेयजल आपूर्ति एक बड़ी चुनौती है। बनास नदी पर स्थित बीसलपुर बाँध, जयपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए पेयजल की जीवनरेखा है। बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक गतिविधियों के कारण पानी की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन स्रोतों में वृद्धि न होने से भूजल स्तर गिर रहा है।  

ईसरदा बाँध का उद्देश्य:
टोंक जिले के बनेठा गांव में निर्माणाधीन ईसरदा बाँध का मुख्य उद्देश्य बीसलपुर बाँध के अधिशेष जल का संग्रहण करना है, जो वर्तमान में बनास नदी में व्यर्थ बह जाता है। बाँध की पहली चरण की भराव क्षमता 3.24 टीएमसी होगी, जिसे दूसरे चरण में 10.77 टीएमसी तक बढ़ाया जाएगा।  

परियोजना का महत्व:
ईसरदा बाँध परियोजना से दौसा जिले के 1079 गांव और 5 शहर तथा सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव और 1 शहर को लाभ होगा। 1038 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना से जल संकट के समाधान में बड़ी मदद मिलेगी।  

सरकार ने इसे समय पर पूरा करने के लिए सभी संबंधित विभागों को सतर्कता और समन्वय से काम करने के निर्देश दिए हैं।