जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नेतृत्व में ‘रास्ता खोलो अभियान’ बना ग्रामीणों की राहत का माध्यम
जयपुर, 30 नवंबर।
जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नेतृत्व में शुरू किया गया ‘रास्ता खोलो अभियान’ ग्रामीणों के लिए राहत का पर्याय बन गया है। महज 15 दिनों में जिला प्रशासन ने सहमति और समझाइश की नीति के तहत जयपुर और जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में 132 रास्ते खुलवाकर ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर और अभियान की नोडल अधिकारी सुमन पंवार ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 15 नवंबर को की गई थी। इसके तहत लंबे समय से बंद पड़े रास्तों को खोलकर ग्रामीणों को गांव और खेतों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 11 रास्ते जोबनेर तहसील में खोले गए, जबकि चौमूं और सांगानेर में 10-10, आमेर, आंधी, शाहपुरा, फुलेरा और माधोराजपुरा में 9-9 रास्ते खुलवाए गए।
इसके अलावा किशनगढ़-रेनवाल और चाकसू में 8-8, जमवारामगढ़ में 7, बस्सी और कोटखावदा में 6-6, रामपुरा-ड़ाबड़ी और जालसू में 5-5, तथा कालवाड़ और तुंगा तहसील में 4-4 रास्ते खोले गए हैं। जयपुर तहसील में 3 रास्ते खोलने में सफलता मिली।
जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने अभियान के तहत खोले गए रास्तों पर ग्रेवल और सीसी रोड बनाने के निर्देश दिए हैं। इनमें से कई स्थानों पर ग्रेवल रोड का कार्य शुरू भी हो गया है। न्यायालय में लंबित प्रकरणों के लिए जिला प्रशासन ने संबंधित पक्षों को अदालत से ही राहत प्राप्त करने की सलाह दी है।
ग्रामीणों ने बताया कि दशकों से बंद पड़े सिवायचक, कटानी और गैर-मुमकिन रास्तों को खोलने से उनकी समस्याएं कम हुई हैं। इनमें कुछ रास्ते 50 साल से भी अधिक समय से बंद थे। प्रशासन के इस अभियान ने सहमति और समझाइश से इन्हें भी खुलवा दिया।
‘रास्ता खोलो अभियान’ शुरू करने का निर्णय जनसुनवाई में रास्तों पर अतिक्रमण से संबंधित शिकायतों और न्यायालय में बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए लिया गया। बंद रास्तों से न केवल ग्रामीणों को असुविधा होती थी, बल्कि इससे कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ता था।
डॉ. सोनी के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान ने जनता और प्रशासन के बीच विश्वास को और मजबूत किया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस का आभार जताते हुए इसे एक ऐतिहासिक पहल करार दिया है।