चौमू क्षेत्र में उप कारागार  खोलने की मांग को लेकर जेल मंत्री टीकाराम जूली को भेजा ज्ञापन: पार्षद वर्मा

चौमू क्षेत्र में उप कारागार  खोलने की मांग को लेकर जेल मंत्री टीकाराम जूली को भेजा ज्ञापन: पार्षद वर्मा

चौमू(निस) विधानसभा क्षेत्र में उप कारागार खोले जाने की मांग को लेकर मंगलवार को पार्षद राजेश कुमार वर्मा ने राजस्थान सरकार के जेल मंत्री टीकाराम जूली को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन ने वर्मा ने बताया कि चौमू क्षेत्र में न्यायिक मुकदमों की सुनवाई हेतु जयपुर महानगर से संबंधित, जिला क्षेत्र से संबंधित एवं प्रशासनिक स्तर पर कुल 12 न्यायालय कार्यरत है। इन न्यायालयों में उपाधीक्षक पुलिस थाना चौमू ,थानाधिकारी पुलिस थाना हरमाड़ा, थानाधिकारी पुलिस थाना दौलतपुरा, उपाधीक्षक पुलिस थाना गोविंदगढ, वृत्ताअधिकारी पुलिस थाना कालाडेरा तथा वृत्ताधिकारी अधिकारी पुलिस थाना सामोद से संबंधित प्रकरणों की कार्यवाही भी चौमू स्थिति न्यायालयों में की जाती है।
इन न्यायालयों में प्रतिदिन दर्जनों मुकदमों की सुनवाई होती है, जिनमें मुलजिमानों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाता है। चौमू में उप कारागार नहीं होने से न्यायालय द्वारा मुलजिमानो को न्यायिक अभिरक्षा में रखने हेतु सीधी केंद्रीय कारागृह, जयपुर एवं जिला कारागृह, जयपुर पर भिजवाया जाता है। इससे बंदियों को आने-जाने में काफी समय व्यतीत होता है तथा मुलजीमान के फरार होने का भय भी बना रहता है। इसके अतिरिक्त 
मुलजीमान के पेशी पर लाने व ले जाने में राज्य सरकार को काफी वित्तीय भार उठाना पड़ता है तथा भारी सुरक्षा व्यवस्था भी उपलब्ध करवानी पड़ती है। केंद्रीय कारागार, जयपुर एवं जिला कारागृह, जयपुर में बंदी जनाधिक्य होने के कारण बंदियों को पेशी पर ले जाना मुश्किल होता है। इससे बंदियों की पेशी आगे बढ़ा दी जाती है,  जो मुलजिमो के साथ अन्याय है।
वर्मा ने बताया कि चौमू क्षेत्र में उप कारागार खोला जाता है तो केंद्रीय कारागार, जयपुर एवं जिला कारागार, जयपुर पर विचाराधीन बंदियों की संख्या में कमी आएगी। साथ ही मुलजिमों को समय-समय पर न्यायालय मे पेशी हेतु ले जाया जा सकेगा एवं लंबित प्रकरणों का भी जल्द निस्तारण हो सकेगा। चौमू के आस-पास कारागार नहीं होने के कारण मुलजिमों के अधिवक्तागण तथा उनसे मिलने वाले परिजनों को भी काफी परेशानी होती है एवं अनावश्यक समय भी व्यतीत होता है।
 वर्मा ने ज्ञापन के माध्यम से आगामी बजट 2023- 24 में चौमू क्षेत्र के आस-पास राजकीय सुविधा अनुरूप आबादी क्षेत्र से दूर उप कारागार स्थापित करने की मांग की।