पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन की संदिग्ध मौत: कावेरी नदी में मिला शव, आत्महत्या या कुछ और? CBI जांच की मांग उठी

कर्नाटक में भारत की नीली क्रांति के प्रमुख स्तंभ और पद्मश्री सम्मानित वैज्ञानिक डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव शनिवार को श्रीरंगपटना के पास कावेरी नदी में तैरता हुआ मिला। वह 7 मई से लापता थे और 8 मई को परिजनों ने मैसूर के विद्यारण्यपुरम थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
70 वर्षीय अय्यप्पन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पहले गैर-फसल वैज्ञानिक प्रमुख थे। वे मैसूर निवासी थे और श्रीरंगपटना स्थित साईं बाबा आश्रम में अक्सर ध्यान के लिए जाते थे। पुलिस को उनका दोपहिया वाहन नदी किनारे खड़ा मिला, जिससे आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही कारण की पुष्टि की जा सकेगी।
डॉ. अय्यप्पन को 2022 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें देश में नीली क्रांति—मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विकास—का जनक भी कहा जाता है।
इसी बीच, ICAR के पूर्व सदस्य डॉ. वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने अय्यप्पन की मौत को “असामयिक और रहस्यमयी” बताया है और अदालत की निगरानी में CBI जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला ICAR में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा हो सकता है, जिसे अय्यप्पन ने उजागर किया था।
पद्मश्री वैज्ञानिक की इस रहस्यमयी मौत ने विज्ञान और प्रशासनिक जगत में सनसनी फैला दी है।