पुर्ननिर्माण या जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा कलक्ट्रेट भवन

पुर्ननिर्माण या जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा कलक्ट्रेट भवन


चूरू। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन, आमजन की समस्याओं के समाधान और आनेवाले हर व्यवधान से निपटने और महत्वपूर्ण निर्णय देनेवाले जिला मजिस्ट्रेट जिला कलक्टर के कलक्ट्रेट भवन की पिछली पंक्ति में खड़े रहने की शक्ति खत्म हो गई है लेकिन इसके बावजूद भी स्टोर कक्ष की दीवार गिरने से बनें झरोखे से वह उस आदेश की बाट जोह रहा है जो उसकी दशा को सुधार सकें। 
चूरू जिला मुख्यालय का सरताज कलक्ट्रेट भवन यू ंतो वर्षों पुराना है और भवन की अग्रिम पंक्ति में बनी रो के पीछली पंक्ति में उपर-नीचे कई कक्ष बने हैं। पिछली पंक्ति में सहकारिता विभाग, रोजगार विभाग, श्रम विभाग, न्यायालय से जुड़े कार्यालय, साक्षरता, अजाजजा और निर्वाचन से जुड़े कार्यालय व स्टोर कक्ष है। पिछली रो के उपरी हिस्से के 37 नम्बर कमरे के नीचे बने स्टोर रूम की दीवार गिरने से एक बड़ा झरोखा बन गया है। इसी पूरी रो की हालत दयनीय है बारिश का मौसम आ रहा है। कमरों के आगे बनी गैलरी से लोगों की दिनभर आवाजाही रहती है। कुछ कर्मचारियों ने से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि भवन की हालत यदि सुधारी नहीं गई तो आनेवाले समय में मुश्किल हो सकती है। कईयों ने कहा प्रशासन से पूछें, जबकि सवाल यह उठता है कि प्रशासन से दूसरा कोई क्यों पूछे क्या किसी को कुछ दीखता नहीं है क्या। 
जयपुर टाइम्स ने इससे पूर्व समाचार के माध्यम से अवगत करवाया तो संज्ञान भी लिया गया लेकिन इस पर क्या कार्यवाही हुई और सार्वनजिक निर्माण विभाग की ओर से क्या योजना बनाई गई और उसका क्रियान्वयन कौन करेंगा को लेकर कुछ भी सामने नहीं आया। कलक्ट्रेट भवन न केवल लोकसेवा का माध्यम है बल्कि यह जनता की गाढ़ी कमाई से खड़ी की गई बेशकीमती सम्पति है। इसका संरक्षण होना ही चाहिए यही वर्तमान की आवश्यकता है।