साहित्य परिमार्जित करता है व्यक्तित्व: प्रो. ईसराण 

साहित्य परिमार्जित करता है व्यक्तित्व: प्रो. ईसराण 


चूरू। राजकीय लोहिया महाविद्यालय में भाषा और साहित्य क्लब द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान में प्रो. एच. आर. ईसराण ने कहा कि साहित्य का अध्ययन व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिमार्जित करता है और उसे उत्साह व उत्कर्ष की ओर ले जाता है। उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य के माध्यम से मानव मन और समाज की सूक्ष्म पड़ताल पर प्रकाश डाला।  

प्रो. कमल कोठारी ने भारतीय ज्ञान परंपरा के उदात्त मूल्यों और उनकी वैश्विक श्रेष्ठता पर चर्चा की। उन्होंने मानवीय प्रेम और दया के भाव को आत्मसात करने पर जोर दिया। उर्दू साहित्य के प्रो. शमशाद अली ने भाषाओं की यात्रा और उर्दू की भारतीय जड़ों पर विचार व्यक्त करते हुए इसे आम जनता की भाषा बताया।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. मंजु शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि भाषा व साहित्य क्लब का उद्देश्य विद्यार्थियों को भाषाओं के प्रति समग्र समझ विकसित कराना है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. संजु झाझडिया ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्रोफेसर और पीजी विद्यार्थी उपस्थित रहे।