बाड़मेर के साथ दोयम व्यवहार कर रही है केन्द्र सरकार – राठौड़ 

बाड़मेर के साथ दोयम व्यवहार कर रही है केन्द्र सरकार – राठौड़ 

बाड़मेर के साथ दोयम व्यवहार कर रही है केन्द्र सरकार – राठौड़ 

बाड़मेर/रावतसर--- कांग्रेस पार्टी के नेता आजाद सिंह राठौड़ ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर बाड़मेर के साथ दोयम व्यवहार करने का आरोप लगाया। 

राठौड़ ने बताया की केन्द्र सरकार की उपेक्षा के कारण ही बाड़मेर जिले को अपना हक नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार की लगातार अनदेखी से हम बाड़मेर के लोगो को बड़ा ख़ामियाज़ा उठाना पड़ रहा है। एक तरफ़ जहां बाड़मेर ज़िले से अरबों रुपए का राजस्व केंद्र सरकार के ख़ज़ाने को भर रहा है तो दूसरी तरफ़ वही बाड़मेर केंद्र से नरेगा बजट में कटौती, हवाई-रेल सेवा के खोखले वादो का दंश झेल रहा है। राजस्व और खनिज देने में बाड़मेर-जैसलमेर ज़िले पूरे देश में अपना लोहा मनवा रहे है परन्तु बाड़मेर व जैसलमेर जिले के डीएनपी में शामिल गांव आज भी विकास के लिए तरस रहे है। इन गांवों में बिजली पानी व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जब से जिले में डीएनपी का गठन हुआ है तभी से इन गांवों के लोगों को अभाव में जीवन जीना पड़ रहा है। जैसलमेर व बाड़मेर जिले के 3 हजार 162 स्कवायर किमी क्षेत्रफल में फैले इस डीएनपी में 73 रेवेन्यू विलेज है तथा सैकड़ों की संख्या में ढाणियां है । जहां पर डीएनपी के प्रतिबंध के चलते न तो पीने का पानी पहुंच पाया और न ही इन गांवों तक बिजली पहुंची है । विभिन्न सरकारी व कानूनी प्रतिबंध होने के कारण गांव विकास से कोसों दूर है । केन्द्र सरकार यहां के निवासियों की परेशानियों को समझ कर इसका हल निकाले जिससे यहां के वांशिदों को राहत मिल सके । 

साथ ही राठौड़ ने कहा कि बाड़मेर में जल्द से जल्द हवाई सेवा शुरु हो क्योंकि बाड़मेर में देश-विदेश की कई कंपनिया काम कर रही है। इसमें हजारों इंजिनियर और अधिकारी काम कर रहे है। समय के साथ अब हवाई सेवा की आवश्यकता बहुत अधिक महसूस होने लगी है। रिपाइनरी का भी पचपदरा में निर्माण चल रहा है। इसके अलावा तेल गैस, लिगनाइट, सोलर एनर्जी में भी कई कंपनिया काम कर रही है। आर्मी, एयरफोर्स, बीएसएफ यहां तैनात है । यहां से रोज सैकड़ो की संख्या में लोगों का देशभर में आना-जाना रहता है। ऐसे में एयरपोर्ट बनने से लोगों को हवाई सफर में मदद मिलेगी । फिलहाल जोधपुर और जैसलमेर हवाई सेवा के लिए जाना पड़ता है। वहां भी पर्याप्त उड़ान नहीं होने से लोग अहमदाबाद से हवाई सेवा का इस्तेमाल करते है । जल्द से जल्द बाड़मेर में हवाई सेवा शुरु हो जिससे बाड़मेर ओर आधिक विकसित एवं सशक्त बने।  

कांग्रेस नेता आजाद सिंह राठौड़ ने बताया की बाड़मेर में रेलवे सेवाओं को ओर अधिक मजूबत करने के लिए पिछले काफी समय से हक मांग कर रहे है, कई बार प्रदर्शन भी किये है, केन्द्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर भी कई बार मांग कर चुके है। उन्होंने बताया की बाड़मेर में रेल मार्ग पर बाड़मेर जिला मुख्यालय एवं बालोतरा शहर के साथ ही एयर फोर्स, आर्मी क्षेत्र भी आते है तथा बाड़मेर में तेल खोज एवं उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र स्थित है एवं रिफाइनरी भी यहां स्थापित हो रही है। इसलिए यहां देश के हर कोने से लोग कार्य कर रहे है । वर्तमान बाड़मेर क्षेत्रवासियों द्वारा बाड़मेर - मुंबई  रेल की मांग पिछले 10 वर्षों से लगातार की जा रही है तथा उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा बार-बार प्रस्ताव भेजे गए हैं लेकिन अभी तक पश्चिम रेलवे द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं किया गया है । बाड़मेर क्षेत्र वासियों  के लिए मुंबई की नई रेल की बहुत अधिक आवश्यकता महसूस हो रही है।  बाड़मेर की जनता की मांग है कि बाड़मेर से मुंबई, बाड़मेर  से राजकोट,  बाड़मेर से साबरमती नई रेल शुरु की जाए। साथ ही आजादी के इतने समय के बाद भी बाड़मेर का अजमेर पाली से कनेक्शन नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिए अजमेर आगरा फोर्ट का बाड़मेर तक विस्तार किया जाए अथवा बाड़मेर कोटा वाया अजमेर पाली भीलवाड़ा नई ट्रेन चलाई जाए। बाड़मेर में रेल सुविधाओं को विकसित करने के लिए आधारभूत ढांचे को विकसित करने की आवश्यकता है बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त वाशिंग लाइन का निर्माण कराया जाए।

उन्होंने कहा कि नर्मदा नहर वर्तमान में सांचोर-जालोर तक है,  जिसका विस्तार बाड़मेर तक पूरा करने के लिए विशेष बजट का आंवटन किया जाए साथ ही साथ इंदिरा गांधी नहर जो की गडरा रोड़ तक प्रस्तावित है, उसके लिए बजट आंवटित किया जाए एवं इस नहर के विस्तार में “डेजर्ट नेशनल पार्क” की वजह से आ रही अड़चनों को सरकार अपने स्तर पर दूर करावें। इंदिरा गांधी नहर का अगर गडरारोड़ तक समय पर विस्तार हो जाता है तो इसका लाभ यहां के वांशिदों को मिलेगा। वर्तमान में बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में जीरा, इश्बगोल व अनार का उत्पादन हो रहा है । इसके लिए एक अलग से कृषि मंडी के लिए बजट का प्रवाधान किया जाए। जिससे की यहां के किसानों को उचित दाम मिल सके।  

केन्द्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अभी कुछ समय पूर्व वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरु किया है, जिसमें भी मरुस्थलीय क्षेत्र को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है।  उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र व उसके अन्तर्गत आने वाले गांवों व कस्बों के विकास हेतु अलग से बजट प्रावधान व आने वाले वर्षों के लिए बने प्रोग्राम में पश्चिमी क्षेत्र के जिलों को शामिल नहीं करना अन्यायपूर्ण है । विगत दिनों केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में बताया की मंत्रीमंडल ने वाइब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के लिए 4800 करोड़ रुपये आंवटित करने की मंजूरी दी है। सरकार के मुताबिक इस प्रोग्राम के तहत उत्तरी सीमा पर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए काम करने जा रही है। केन्द्र सरकार के अनुसार भारत की उतरी सीमा के साथ सटे गांवों में बुनियादी ढ़ांचे में सुधार के लिए इस वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। जबकि राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती थी, परन्तु बेहद उपेक्षा से इन जिलों को इससे वंचित रखा, थार वासियों व मरुस्थल का उपहास उड़ाया। मैंने पूर्व में भी राजस्थान के सभी सांसदों को पत्र लिखकर राजस्थान के जिलों को इस योजना में शामिल करने के लिए लिखा था। लेकिन जिस पर भी अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा किसी भी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया है।