18 वर्ष से कम उम्र के नौजवानों  को शराब उपलब्ध करवाने वाले शराब ठेकों  का लाइसेंस निरस्त कर करें ठोस कार्यवाही - जिला कलेक्टर

18 वर्ष से कम उम्र के नौजवानों  को शराब उपलब्ध करवाने वाले शराब ठेकों  का लाइसेंस निरस्त कर करें ठोस कार्यवाही - जिला कलेक्टर

जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक आयोजित

सीकर,। जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
                   जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव ने जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक में पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि जिले में सोमवार को बाल श्रम के संबंध में हुई र्कायवाही में बाल श्रम के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करें तथा बालश्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें विद्यालयों में प्रवेश दिलवाया जाए। एक से अधिक बार बाल श्रम में संलिप्त पाए गए बच्चों की लिस्टिंग तैयार कर कार्यवाही की जाए।  खाटू और सालासर क्षेत्र में शनिवार और रविवार को औचक निरीक्षण कर बालश्रम में व्याप्त बच्चों को मुक्त करवाएं तथा ऎसा करने वाले मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करें। उन्होंने शहर में चल रहे निर्माण कार्यों के आसपास बनी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की बेसिक शिक्षा और आंगनबाड़ी से मिलने वाली सुविधाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्कूलों से ड्रापआउट बच्चों का सर्वे कर उनकी लगातार मॉनिटरिंग करें कि कहीं वह दुबारा तो किसी बाल श्रम के कार्य में व्याप्त नहीं है। बालश्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों का विद्यालयों में नामांकन आवश्यक रूप से करवाएं। उन्होंने कहा कि खाटू सहित अन्य क्षेत्रों में भिक्षावृत्ती को पूर्णतया बैन किया जाए तथा इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। 
            जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब उपलब्ध करवाने वाले शराब ठेकों का लाइसेंस निलंबित कर उन पर आवश्यक कार्यवाही करें तथा शहर में संचालित सभी शराब ठेकों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य करें। खाटू में बालश्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों की बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था किसी ट्रस्ट के माध्यम से की जाए।
                जिला कलेक्टर डॉ यादव ने निर्देश दिये कि जिला बाल संरक्षण इकाई के सभी सदस्य बाल श्रम के संबंध में समय-समय पर औचक निरीक्षण करें तथा बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के माता-पिता से समझाइश कर ऎसे बच्चों का विद्यालय में नामांकन करवाएं ताकि ऎसे बच्चे बुनियादी साक्षरता जैसे पढ़ना-लिखना, अखबार पढ़ लेना  आदि की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकें।
             इस दौरान बैठक में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई डॉ.गार्गी शर्मा, सीएमएचओ निर्मल सिंह, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश राहड, उप निदेशक आईसीडीएस सुमन पारीक, पुलिस उपनिरीक्षक विमला बुडानिया, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति डॉ  मधु आर्य, डीईओ एलीमेंट्री लालचंद, एडीईओ रामचंद्र बगड़िया, समन्वयक चाइल्डलाइन राहुल दानोदिया सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।