राइजिंग राजस्थान एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर प्री समिट में कृषि नवाचार और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन

राइजिंग राजस्थान एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर प्री समिट में कृषि नवाचार और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन

जयपुर, 24 अक्टूबर। राइजिंग राजस्थान एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर प्री-समिट का आयोजन जयपुर में हुआ, जिसमें कृषि नवाचार, किसानों की आय दोगुनी करने, और राज्य में निवेश को बढ़ावा देने पर विशेषज्ञों, किसानों, उद्यमियों और नीति निर्धारकों ने चर्चा की। इस समिट का उद्देश्य कृषि में मशीनीकरण और उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही किसानों को आत्मनिर्भर बनाना था।

राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष सी.आर. चौधरी ने बताया कि राज्य, सरसों और ज्वार उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने जोधपुर, कोटा, गंगानगर और अलवर में फूड पार्क के विकास की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में निवेश से मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी में वृद्धि होगी, जिससे उत्पादकता में इजाफा होगा।

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रधानमंत्री के ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ मिशन की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि राइजिंग राजस्थान जैसी पहल निवेशकों को उनकी परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन के बारे में आश्वस्त करेगी। उन्होंने कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) फिर से आयोजित करने की बात कही।

इस समिट में 862 निवेशकों से 19,497 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए। भारत सरकार के कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कृषि में नवाचार और प्राइवेट सेक्टर के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही डिजिटल खेती और फसल विविधीकरण को टिकाऊ खेती के लिए महत्वपूर्ण बताया।

समिट के दौरान 350 निवेशक और वक्ताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें उन्नत और जैविक कृषि पर चर्चा के साथ दो प्लेनरी सेशंस भी हुए।