डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने दिया संकेत: मार्च में पास हो सकता है धर्मांतरण विरोधी बिल 

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने दिया संकेत: मार्च में पास हो सकता है धर्मांतरण विरोधी बिल 


जयपुर टाइम्स 
जयपुर(कासं.)। राजस्थान बजट सत्र में पेश हुआ धर्मांतरण विरोधी बिल मार्च महीने में पास हो सकता है। मंगलवार को भीलवाड़ा दौरे पर आईं राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने इसके संकेत दिए हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक आवश्यक था। सत्र के आखिरी सप्ताह में विधेयक के पारित होने की संभावना है। ये बदलाव लाना महत्वपूर्ण है। जनता ने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। पीएम मोदी की गारंटी कामयाब होगी, क्योंकि वो जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं।
भजनलाल सरकार की तरफ से यह बिल विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पेश किया था। इस बिल में धर्मांतरण के खिलाफ कड़े प्रावधानों के अलावा 'लव जिहाद' को भी परिभाषित किया गया है। इस बिल के तहत, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे धर्म में धर्मांतरण कराता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। विशेष रूप से लव जिहाद के मामले में इसे एक गंभीर अपराध माना जाएगा।

10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान:

धर्मांतरण विरोधी विधेयक में गलत बयानी, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके से या शादी के जरिए धर्म परिवर्तन को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। इसमें 10 साल तक की कैद और 50, 000 रुपए  तक के जुर्माने का प्रावधान है। विधेयक को ध्यान से पढ़ें तो इसमें आरोपी को कम से कम 1 साल की कैद की सजा का प्रावधान है, लेकिन इसे 15,000 रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इतना ही नहीं, जो लोग किसी नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के संबंध में नियमों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें 25000 रुपये के जुर्माने के साथ दो साल की कैद (जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है) से दंडित किया जाने का प्रावधान है।