गांवों के विकास की बागडोर सरपंचों के हाथ, पंचायतीराज सशक्तीकरण पर जोर
जयपुर टाइम्स, जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ग्रामीण विकास और पंचायतीराज सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता है। सरपंचों को गांवों के विकास की अहम कड़ी बताते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की मजबूत इच्छाशक्ति से गांवों का कायाकल्प संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों की उन्नति के लिए योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है। 2027 तक दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ पीएम-कुसुम योजना को गति दी जा रही है। किसानों को ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि व गोपाल क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। पशुपालकों को 1962 हेल्पलाइन के जरिए निःशुल्क चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्य सरकार बिना भेदभाव सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों को बजट आवंटित कर रही है। 371 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण, 1000 करोड़ रुपये से ग्रामीण सड़कों का विकास और पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 10% वृद्धि की गई है।
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और महिला कल्याण को प्राथमिकता दी है। गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा, 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन और प्रधानमंत्री आवास योजना से लाखों लोगों को घर देने की पहल की गई है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 5 फरवरी से ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तीन दिवसीय शिविर लगाकर फार्मर आईडी बनाई जाएगी, जिससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिलेगा। कार्यक्रम में पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने सरपंचों से अपने गांवों को स्वच्छ और पॉलीथीन मुक्त बनाने का आह्वान किया।