डॉ. पूजा सिंह को 'भारत विभूषण' सम्मान, उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए सराहना

डॉ. पूजा सिंह, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की पूर्व शोधार्थी हैं। उन्होंने अपने शोध के दौरान फ्लाई ऐश से ईंट और टाइल्स बनाने की एक पर्यावरण-अनुकूल और नवाचारी तकनीक विकसित की।

डॉ. पूजा सिंह को 'भारत विभूषण' सम्मान, उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए सराहना
डॉ. पूजा सिंह को 'भारत विभूषण' सम्मान, उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए सराहना

शक्तिफार्म के तिलियापुर गांव की होनहार बेटी डॉ. पूजा सिंह को उनके उत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने 'भारत विभूषण' सम्मान से सम्मानित किया। यह सम्मान दिल्ली विधानसभा में इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्म्स एंड हायर एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया।

डॉ. पूजा सिंह, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की पूर्व शोधार्थी हैं। उन्होंने अपने शोध के दौरान फ्लाई ऐश से ईंट और टाइल्स बनाने की एक पर्यावरण-अनुकूल और नवाचारी तकनीक विकसित की। इस तकनीक को व्यापक सराहना मिली है और इससे डॉ. पूजा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाते हुए ग्लोबल यंग साइंटिस्ट सहित सात प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।

डॉ. पूजा की शिक्षा यात्रा भी प्रेरणादायक रही है। उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल, शक्तिफार्म से की, जबकि इंटरमीडिएट सेंट पीटर्स हायर सेकेंड्री स्कूल, किच्छा से पूरा किया। बीएससी की डिग्री सूरजमल कन्या महाविद्यालय, किच्छा से प्राप्त करने के बाद, उन्होंने एमएससी और पीएचडी पंतनगर विश्वविद्यालय से की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इग्नू से इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा भी हासिल किया।

सम्मान समारोह के दौरान डॉ. पूजा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, राधामोहन सिंह और पुष्पा सिंह, अपने गुरुओं और दोस्तों को दिया। उनके माता-पिता, जो पेशे से किसान हैं, अपनी बेटी की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

डॉ. पूजा सिंह की यह उपलब्धि युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा है। उनका शोध कार्य न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि समाज के लिए नई संभावनाएं भी खोलेगा। उनकी मेहनत और नवाचार ने साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।