उप चुनाव में भजनलाल ने किया ठोस रणनीति से कमाल

जयपुर टाइम्स
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य में सुप्रीम लीडर बन गए हैं। अब उनके नेतृत्व को कोई चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। उप चुनाव में दमदार प्रदर्शन के बाद भजनलाल शर्मा के नंबर पार्टी और शीर्ष नेताओं की नजर में बढ़ गए हैं। उप चुनाव से पहले भजनलाल सरकार को विपक्ष की ओर से घेरा जा रहा था और एक नैतिक दबाव भी भजनलाल पर था कि लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे इसलिए इस बार उम्मीद ज्यादा हो गई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ठोस रणनीति, माइक्रो मैनेजमेंट, प्रत्याशी चयन सहित रैलियों, सभाओं में बेहतरीन प्रशासक होने का उदाहरण पेश किया उसके कारण भाजपा उप चुनावों में बाजी मार गई। प्रदेश में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच पर धमाकेदार जीत दर्ज करवाई है। राजस्थान के ये उपचुनाव पहली विधायक बनकर सीएम बने भजनलाल शर्मा और कुछ माह पहले पार्टी की प्रदेश इकाई की बागडोर संभालने वाले मदन राठौड़ के लिए अग्नि परीक्षा माने जा रहे थे। लेकिन इन चुनावों में सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज कराकर दोनों ही नेता केन्द्रीय नेतृत्व के विश्वास पर खरे उतरे हैं। दोनों नेता खुद की एक सीट सलूंबर पर फिर से काबिज होकर और तीन सीटें कांग्रेस तथा एक सीट आरएलपी के जबड़े से खींचकर प्रदेश की सियासत में छा गए हैं। राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनावों में से पहले महज सलूंबर सीट ही बीजेपी के पास थी। शेष छह में से चार दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा और रामगढ़ कांग्रेस के पास थी। जबकि खींवसर आरएलपी और चौरासी भारतीय आदिवासी पार्टी के पास थी। इनमें से बीते करीब दो दशक से झुंझुनूं कांग्रेस और खींवसर आरएलपी का गढ़ बनी हुई थी। लेकिन बीजेपी ने सटीक रणनीति से इन दोनों गढ़ को ढहाकर बीजेपी का परचम लहरा दिया है।