2023 में भाजपा की सरकार आने पर राजस्थान में किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा, बुलडोजर चलाया जाएगा, किसी भी काले कारनामे करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा: डॉ. पूनियां

2023 में भाजपा की सरकार आने पर राजस्थान में किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा, बुलडोजर चलाया जाएगा, किसी भी काले कारनामे करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा: डॉ. पूनियां

जयपुर, । कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के शासन के 04 वर्ष के शासन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि, राजस्थान के इतिहास में 1952 से लेकर अब तक कोई भी सरकार लोक कल्याण का दावा करती है, लेकिन वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इस तरह की नकारा, निकम्मी, भ्रष्ट, अकर्मण्य और अराजक सरकार मैंने नहीं देखी।1990 से राजनीति में हूं, केवल राजनीतिक विरोध के कारण ही यह बात यह नहीं कह रहा, जो हकीकत है कांग्रेस शासन की वो बयां कर रहा हूं,  सरकार अपने-अपने दावे करती है, घोषणायें करती हैं।लेकिन कल रात को मैं एक इवेंट देख रहा था सोशल मीडिया पर लाइव कंसर्ट था कांग्रेस के भारत जोड़ो का, उसमें सुनिधि चौहान ने गाना कि चोरी, चोरी किया रे, मुझे लगता है कि उस कंसर्ट ने कांग्रेस सरकार की बानगी पेश कर दी।ऐसे लगता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ज्यादा लोकप्रियता सुनिधि चौहान की है। और यदि भीड़ जुटाने के लिये किसी फिल्मी कलाकार का सहारा लेना पड़ा, वो भी कांग्रेस सरकार के चार साल के जश्न पर तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार की जमीन खिसक चुकी है।कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में सतीश पूनियां ने कहा कि, 2023 में भाजपा की सरकार आने पर किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा, भाजपा की सरकार आने पर बुलडोजर चलाया जाएगा, किसी भी काले कारनामे करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान की पूरी जनता को ठगा है। चार साल में मेरा फर्ज था कि मीडिया के समक्ष कांग्रेस सरकार के शासन की हकीकत को बयां करूं।मुख्यमंत्री गहलोत के बयान कि, मैं सोच रहा हूं, जब भी पॉलिटिक्स से संन्यास लूंगा, तब टीएन शेषन की तरह राजनीति की ट्रेनिंग देने का स्कूल खोलूंगा। मीडिया द्वारा पूछे गये इस सवाल के जवाब में सतीश पूनियां ने कहा कि, भगवान ना करे ऐसा दिन कोई दिखाये कि कोई उनके स्कूल में जाये, क्योंकि अशोक गहलोत स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स यह यदि होगा तो झूठ बोलना कैसे सीखा जाता है, थोथी घोषणायें और वादाखिलाफी करना कैसे सीखा जा सकता है इसकी ट्रेनिंग तो जरूर मिल सकती है, पर राजनीति की ट्रेनिंग राजस्थान की परंपरागत राजनीति किसी जमाने में रही उसकी ट्रेनिंग की गुंजाइश इनके स्कूल में लगती नहीं है।

कांग्रेस के 2018 के घोषणापत्र में 27 विषय और 426 घोषणायें उल्लिखित हैं। जिसमें कांग्रेस सरकार के 04 वर्ष के शासन की हकीकत, जंगलराज, अराजकता, तुष्टि सभी मुद्दों को पूरे करने में सरकार विफल रही है।करण की राजनीति, बहुसंख्यकों पर अत्याचार, पुजारियों की जलाकर हत्यायें की गई, जिसमें करौली, भीलवाड़ा, जोधपुर, उदयपुर  की घटनायें सबके सामने हैं।

गैंगस्टर, माफिया, पेपर माफिया के कब्जे में राजस्थान, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार, किसानों से सम्पूर्ण कर्जमाफी और युवाओं से भर्तियों को लेकर वादाखिलाफी, कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं करने से काफी संख्या में किसान सुसाइड कर चुके हैं। 
प्रदेश में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार इत्यादि मामलों में बुरे हालात हैं। और कांग्रेस सरकार के अंदर कुर्सी को लेकर चल रहे झगड़े से राजस्थान विकास में काफी पीछे हो गया है, जिसके दोषी अशोक गहलोत हैं।
राज्य सरकार के 04 वर्ष की बजट घोषणाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुस्कराते हुये चेहरे के साथ इश्तेहार में मॉडल स्टेट राजस्थान नाम से प्रकाशित हुआ है, जिसमें 04 वर्ष जनसेवा, सबका सम्मान, आगे बढ़ता राजस्थान, सेवा ही कर्म,सेवा ही धर्म यह  लिखा हुआ है और तमाम घोषणाओं के पूरा होने का दावा भी किया है।

जिसकी हकीकत यह है कि, राज्य की असंवेदनशील, अपारदर्शी एवं  लापरवाह कांग्रेस सरकार के असफ़ल 4 वर्ष पूर्ण होने पर मैं सांत्वना व्यक्त करते हुए प्रदेश की बदहाली, दु:ख-कंगाली, अस्वस्थ जीवन के लिए सांत्वना देता हूँ। आइए हम सब मिलकर राजस्थान के चहुंमुखी विकास के लिए पूरी निष्ठा एवं संकल्पबद्धता से क़दम उठाएं और मन, वचन, कर्म से इस बुरी सरकार को उखाड़ फेंकने के पुनीत कार्य में सहभागी बनकर अपनी भूमिका निभाएं।

कांग्रेस सरकार ने 2022-2023 के बजट में बताया कि जन घोषणापत्र में किये गये 70 फीसदी से अधिक वादे तथा 85 फीसदी से अधिक बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारा है। कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण संभव हुआ है।

जबकि राज्य सरकार के पास बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिये वित्तीय प्रबंधन, आवंटन के लिये कोई कार्ययोजना नहीं है।

 2018-2019 में जब भाजपा सरकार के समय में 3 लाख 6 हजार का कर्जा था, वो तीन वर्ष बढ़कर 05 लाख 80 हजार करोड़ हो गया है, कांग्रेस सरकार का कार्यकाल पूरा होने तक प्रदेश की जनता पर 07 लाख 18 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज का भार होगा।

2018-19 में प्रति व्यक्ति कर्ज 38 हजार रुपये था, वो बढ़कर कांग्रेस शासन में 2022-2023 में प्रति व्यक्ति कर्ज 70 हजार हो गया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल पूर्ण करने तक प्रति व्यक्ति कर्ज 86 हजार रुपये हो जायेगा।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2018 के विधानसभा चुनाव में व कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में किसानों, युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों,व्यवसाइयों, बेरोजगारों से किये गये वादों का क्या हुआ?
शहरों में नरेगा की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की लॉन्चिंग वित्त वर्ष के 08 माह बाद में की, समन्वय समिति व कलेक्टरों को जो जिम्मेदारी दी,वो कागजों में ही है।

कोरोनाकाल में पढ़ाई में हुये नुकसान की भरपाई के लिये स्कूली बच्चों को तीन माह की अवधि के ब्रिज कोर्स की बजट 2022-23 में घोषणा की, मुख्यमंत्री ने जुलाई 2022 में ब्रिज कोर्स की लॉन्चिंग की, लेकिन वर्तमान में किसी प्रकार से कोर्स स्कूलों में संचालित नहीं किया गया।

मुख्यमंत्री का कहना है कि, निरोगी राजस्थान के संकल्प के लिये  मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच योजना व मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने से राजस्थान यूनिवर्सल हेल्थ लागू करने वाला अग्रणी राज्य बन गया है, जबकि हकीकत में पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, सेटेलाइट अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में ना दवाई, ना जांचों की सुविधा, ऑपरेशन के लिये पर्याप्त मात्रा में सर्जिकल उपरकरण इत्यादि की उचित व्यवस्था नहीं है, ना डॉक्टर्स और ना पेरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था नहीं है।

मरीजों के परिजनों को पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां अस्पताल के बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं,जांचें भी बाहर से करवानी पड़ रही है। जिससे महंगी दवाइयां और महंगी जांचें होने से मरीज के परिजनों पर आर्थिक भार पड़ रहा है।

चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों को समय पर इस योजना के क्लेम का भुगतान नहीं होने से अस्पताल कतरा रहे हैं, जिससे आमजन को परेशानी हो रही है। क्लेम के भुगतान में देरी होने व भ्रष्टाचार के कारण अस्पताल इलाज करने से दूरी बना रहे हैं। एवं प्रदेश के बड़े निजी अस्पताल चिरंजीवी योजना से जुड़ने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि जो राशि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित है, वह काफी कम है, इस कारण से जुड़ नहीं रहे।

मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में मरीजों के परिजनों ने दवाइयों की आपूर्ति नहीं होने व जांचों की सुविधा नहीं मिलने के बारे में बताया था। यह दर्द राजस्थान की जनता का है और हकीकत कांग्रेस सरकार के शासन की है।

बांसवाड़ा जिले में 108 एंबुलेंस में डीजल नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों द्वारा एम्बुलेंस को धक्का देने के बावजूद भी समय पर अस्पताल ना पहुंच पाने के कारण मरीज की मौत हो गई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 04 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण और 05 मेडिकल कॉलेजों का वर्चुअल शिलान्यास किया, जबकि मुख्यमंत्री गहलोत  कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज प्रत्येक जिलों में राज्य सरकार खोल रही है।

प्रदेश में जनता क्लीनिक खोलने की बात की गई, लेकिन राजधानी जयपुर में कुछ मात्र स्थानों पर ही जनता क्लीनिक खोले, जिनमें ना स्टाफ ना दवाइयां हैं, और शेष जिलों में कहीं जनता क्लीनिक नहीं खोले गये। 
सरकारी स्कूलों में वर्ष 2018 की तुलना में  2021 में राज्य में 06 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों का नामांकन 20 प्रतिशत बढ़ना बताया, जबकि 2022 में साढ़े छह लाख बच्चों का नामांकन कम हुआ है।

अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की घोषणा की गई, जबकि हिंदी माध्यम के  स्कूलों  को बंद करके अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गये। अंग्रेजी माध्यम  के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं और ना ही आधारभूत ढांचा है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने के लिये काफी संख्या में हिंदी माध्यम के स्कूलों को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि हिंदी माध्यम स्कूल संचालित करने के साथ अंग्रेजी माध्यम के स्कूल अलग से खोलने चाहिये।
400 करोड़ रुपये की लागत से जयपुर में शैक्षणिक संस्थाओं को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई, जो धरातल पर नहीं उतरा।