धर्मांतरण विरोधी विधेयक सनातन संस्कृति की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: डॉ. सतीश पूनियां

धर्मांतरण विरोधी विधेयक सनातन संस्कृति की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: डॉ. सतीश पूनियां


जयपुर टाइम्स 
जयपुर(कासं.)। प्रदेश की भजनलाल सरकार की ओर से सोमवार को पेश किया गया धर्मांतरण विरोधी विधेयक सनातन संस्कृति की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह कहना है राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हरियाणा प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया का। उन्होंने इस विधेयक को राजस्थान की सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम करार दिया है। काबिले गौर है कि वर्ष 2023 में डॉ. सतीश पूनियां धर्मांतरण विरोधी बिल लाया गया था, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शासन में विधानसभा अध्यक्ष ने इस बिल को खारिज कर दिया था। राजस्थान भाजपा की भजनलाल सरकार की ओर से धर्मांतरण विरोधी धार्मिक विधेयक राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म- संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ विधानसभा में पेश किया गया है, इस बिल का भाजपा हरियाणा प्रभारी, भाजपा राजस्थान पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने स्वागत करते हुए कहा कि यह बिल राजस्थान की सनातन संस्कृति व मूल्यों की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण विधेयक है। इस तरह के महत्वपूर्ण कानून की प्रदेश में पिछले दो दशकों से मांग चल रही थी। पंद्रहवी विधानसभा के आखिरी सत्र में भाजपा राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष रहने के दौरान बतौर आमेर विधानसभा सदस्य डॉ. सतीश पूनियां की ओर से लगभग इसी तरह के मसौदे वाला एक गैर सरकारी विधेयक ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2023’ विधानसभा में लाया गया था। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस की तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार के शासन में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने उस धर्मांतरण विरोधी प्राइवेट बिल को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 के विरूद्ध है। पूनियां ने कहा कि मतांतरण पर भाजपा की शुरू से स्पष्ट नीति रही है कि सभी को अपना धर्म चुनने और उसका पालन करने की स्वतंत्रता है लेकिन बलपूर्वक कोई भी किसी का मतांतरण नहीं कर सकता। डॉ. पूनियां ने कहा कि, राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी विधेयक के लिए कई बार प्रयास हुए, लेकिन पूर्वाग्रह और तुष्टिकरण की नीति से ग्रसित कांग्रेस सरकारों ने कभी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार करने का प्रयास ही नहीं किया। अच्छी बात है कि राज्य की भाजपा सरकार ने निर्णय लेकर राज्य में अवैध धर्मांतरण को रोकने और कड़ी सजा के प्रावधान वाले विधेयक को विधानसभा में पेश कर बड़ी सकारात्मक पहल की है, जिससे राजस्थान की सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत को मजबूती के साथ संरक्षण मिलेगा।