मांगों को लेकर सरपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
मांगे नहीं मानी तो महंगाई राहत कैंपों का बहिष्कार करेंगे
नीमकाथाना पाटन,(निंस.)। सरपंच अपनी मांगों को मनवाने को लेकर सरकार से लगातार कोशिश कर रहे है। गुरुवार को पाटन पंचायत समिति के सभी सरपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन वीडियो राजूराम सैनी को सौंपा। लेकिन सरपंचों का कहना है कि उनकी मांगों को सरकार नहीं मान रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए राजस्थान सरपंच संघों की तरफ से कई बार आन्दोलन भी किया है महापड़ाव भी डालें लेकिन कोई भी सार्थक परिणाम नहीं निकला। सरपंच सरकार से नाराज है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है यदि प्रशासन गांव के संग अभियान (महंगाई राहत कैप) से पहले सरपंचों की मांगे नहीं मानी गई तो सरपंच प्रशासन गांव के संग अभियान का बहिष्कार करेंगे। सरपंचों की मांगे छठे वित्त आयोग की बकाया तीन किस्त की राशि ग्राम पंचायतों को स्थानांतरित की जाए।73वें संविधान संशोधन को पूर्ण रूप से लागू किया जावे। ई-टेंडरिंग प्रथा को खत्म करके तीन कोटेशन से अथवा बीएसआर रेट पर कार्य करवाए जाये जैसा कि दूसरे प्रदेशों में है। सरपंच कल्याण कोष की स्थापना की जावे जैसा उत्तरप्रदेश राज्य में है। जिसमें सरपंच की मृत्यु पर 10,00,000 रूपए एवं पंच की मृत्यु पर 2,00,000 रूपए जिला परिषद सदस्य की मृत्यु पर 5,00,000 रूपए एवं पंचायत समिति सदस्य की मृत्यु पर 3,00,000 रूपए दिए जाते हैं। हरियाणा सरकार द्वारा सरपंचों को पेंशन दी जा रही है, उसी प्रकार हमें भी नियमानुसार पेंशन दी जाये।खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों के नये सदस्यों के नाम जोड़ने हेतु पॉर्टल शुरू किया जायें। मनरेगा सामग्री का 31 मार्च 2023 तक का बकाया भुगतान किया जायें एवं 10 जिलों की बकाया राशि पंचायतों को स्तानांतरण की जायें।पीएमएआई पुरानी स्वीकृत राशि जारी की जायें व पॉर्टल को खोला जायें।