दशामाता का व्रत कर की परिवार की सुख-समृद्धि की कामना  

दशामाता का व्रत कर की परिवार की सुख-समृद्धि की कामना  


बिजौलियां(जगदीश सोनी)।परिवार की सुख-समृद्धि व पति की दीर्घायु की कामना को लेकर महिलाओं ने दशामाता का व्रत रखा।पीपल वृक्ष की पूजा कर धूप-दीप,वस्त्र,पीले आटे से बने गहने व  नैवेद्य चढ़ाया और  पीपल की परिक्रमा कर सूत लपेटा।इसके बाद दशामाता व नल दमयंती की कथा सुन कर  दस गांठ लगे सूती धागे को जिसे स्थानीय भाषा में 'बेळ' कहा जाता हैं, धारण किया और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।साथ ही मकान के बाहर कुंकुम और हल्दी से हाथ के छापे भी लगाए।मान्यता हैं कि दशामाता का व्रत करने से परिवार की दशा सुधरती हैं और दरिद्रता दूर हो कर सम्पन्नता बढ़ती हैं।