स्वयं उपचार का मोहताज है प्रथम श्रेणी का पशु अस्पताल, पशुपालकों के लिए नहीं कोई सुविधा
फुलेरा(राजकुमार देवाल) कस्बे के प्रथम श्रेणी पशु पालन व पशु चिकित्सा इत्यादि संबंधी सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं। कस्बे का एकमात्र पशु चिकित्सालय वर्षों पुराना भवन अब जीर्ण शीर्ण हालात में है। जिसमें नाममात्र भी आधुनिक चिकित्सा संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं। चिकित्सक व पशुपालक के लिए बैठने तक की सुरक्षित जगह नहीं हैं। ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग से इस भवन का नवीनीकरण कराने की मांग की है। पशु चिकित्सालय पर पाँच गौशाला व साथ ही दर्जनों गांवों के हजारों पशुओं की देखरेख का जिम्मा है। लेकिन चिकित्सालय की स्वयं की हालत बेहद खराब है। वर्षो पूर्व बनाए गए भवन की सभी छतें व दीवारें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मामूली बरसात आते ही सारा भवन पानी से भर जाता है। जिससे चिकित्सालय में उपलब्ध दवाएं खराब होने का खतरा बना रहता है । भवन पुराना होने के कारण विभाग यहां पर पशुपालन से जुड़ी नई चिकित्सा सुविधाएं या उपकरण संसाधन लगाने से भी कतराता है । पशुपालक अपने बीमार पशुओं को गांवों से अस्पताल लेकर आते हैं। चिकित्सक जितना संभव हो सके उपचार तो करते हैं लेकिन कई चिकित्सा सुविधा न होने पर उनको उचित इलाज नही मिल पाता है। जिससे पशुपालकों को परेशानी होती है। पशुपालन बाहुल्य क्षेत्र के इस अस्पताल को नए भवन की सोगात मिले तो यहां पर आधुनिक सुविधा मिलने की उम्मीद बंधेगी। यहां पर मिनी आपरेशन केंद्र संचालित होने के लिए पूरी जगह हैं। जिससे क्षेत्र के पशुओं को दूसरी जगह नही ले जाना पड़ेगा। जहां इस चिकित्सालय पर पांच गौशालाओं के गौवंश के साथ साथ स्थानीय आसपास ग्रामीणों के पशुओं के इलाज का जिम्मा भी है। लेकिन यहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे मे सरकार को संचालित पुराने पशु अस्पताल का नवीनीकरण करवा कर आपरेशन व आधुनिक सुविधा देनी चाहिए ताकि पशुओं को बेहतर इलाज मुहैया हो सके।