शाहपुरा: लोक कवि मोहन मंडेला के नाम पर ऑडिटोरियम की घोषणा, कविसम्मेलन में उमड़ा साहित्यिक उल्लास

शाहपुरा। साहित्य सृजन कला संगम संस्थान के तत्वावधान में लोक कवि मोहन मंडेला स्मृति में 27वां कविसम्मेलन रविवार को श्री राम टॉकीज में आयोजित हुआ। श्रोताओं से खचाखच भरे हॉल में कवियों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
विधायक ने ऑडिटोरियम की घोषणा की
मुख्य अतिथि शाहपुरा-बनेड़ा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने क्षेत्र में टाउन हॉल की कमी को महसूस करते हुए 1,000 व्यक्तियों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम बनाने और उसका नाम लोक कवि मोहन मंडेला के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने इसके लिए शीघ्र बजट पास कराने का आश्वासन दिया, जिसे श्रोताओं ने तालियों से स्वागत किया।
बाबू बंजारा को लोक साहित्य सम्मान
राजस्थान के प्रसिद्ध कवि बाबू बंजारा को "लोक कवि मोहन मंडेला लोक साहित्य सम्मान" से नवाजा गया। उन्हें शॉल, श्रीफल, नकद राशि और मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।
कविसम्मेलन में रचनाओं का जलवा
कार्यक्रम में हास्य कवि दिनेश बंटी ने ठहाकों से हॉल को गूंजा दिया, जबकि राजनगर के सम्पत कबीर और नाथद्वारा के लोकेश महाकाली की रचनाओं ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। दौसा की कवयित्री सपना सोनी ने गीत और गजलों से सभी का दिल जीत लिया।
चित्तौड़गढ़ के रमेश शर्मा और मुम्बई के पं. सुनील व्यास ने अपनी भावपूर्ण रचनाओं से कार्यक्रम को साहित्यिक ऊंचाई प्रदान की। कविसम्मेलन का संचालन प्रसिद्ध मंच संचालक राव अजातशत्रु ने किया, जिनकी चुटीली रचनाएं श्रोताओं को खूब पसंद आईं।
लोककवि मंडेला को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के अंत में डॉ. कैलाश मंडेला ने लोक कवि मोहन मंडेला की प्रसिद्ध रचना *"छबळक-छबळक"* प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। श्रोताओं और अतिथियों ने खड़े होकर तालियों के साथ लोक कवि को श्रद्धांजलि दी।
आभार और समापन
संस्थान अध्यक्ष जयदेव जोशी ने सभी अतिथियों, कवियों और सहयोगियों का आभार प्रकट किया। यह कविसम्मेलन साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार आयोजन बन गया।