महाराष्ट्र में सीएम पद पर सस्पेंस खत्म, एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेतृत्व पर जताया भरोसा

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सीएम पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए भाजपा नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास जताया। शिंदे ने कहा, "मेरी सीएम बनने की लालसा नहीं है। पीएम मोदी और अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे, मुझे मंजूर होगा। मैं चट्टान की तरह साथ खड़ा हूं और सरकार बनाने में कोई बाधा नहीं बनने दूंगा।"
महायुति की सफलता और शिंदे का विश्वास
एकनाथ शिंदे ने महायुति गठबंधन को मिले भारी बहुमत के लिए जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस जनादेश ने विकास की योजनाओं पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा, "मैंने खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने आम आदमी की तरह काम किया और हर वर्ग के लिए भलाई के कार्य किए। अगर मेरी वजह से कोई समस्या आती है, तो मैं भाजपा नेतृत्व के हर फैसले को स्वीकार करूंगा।"
महायुति की भारी जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना, भाजपा और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 230 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया। भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को मात्र 46 सीटों पर सिमटना पड़ा।
कांग्रेस का तंज
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने भाजपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर देरी भाजपा की अंदरूनी राजनीति का परिणाम है। पटोले ने दावा किया कि भाजपा जातीय समीकरण और एनडीए सहयोगियों को संतुष्ट करने में जुटी है।
सीएम की घोषणा पर विराम
शिंदे ने विपक्ष के उन कयासों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में शिंदे सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे। शिंदे ने स्पष्ट किया कि वे भाजपा नेतृत्व के हर निर्णय के साथ खड़े हैं।
महायुति गठबंधन की सफलता के बाद महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर उत्सुकता बनी हुई है, और भाजपा जल्द ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है।