राजस्थान उपचुनाव: परिवारवाद की आंधी में उतरी तीन पत्नियां दो बेटे और एक भाई
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के सात उपचुनावों में इस बार परिवारवाद का असर स्पष्ट नजर आ रहा है। कांग्रेस, भाजपा और क्षेत्रीय पार्टियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बजाय नेताओं के परिवारजनों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। इन सात सीटों में तीन नेताओं की पत्नियां, दो बेटे और एक भाई चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
तीन पत्नियों को मिला टिकट
सलूम्बर सीट पर भाजपा ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को टिकट दिया है। खींवसर सीट पर कांग्रेस ने पूर्व डीआईजी सवाईसिंह चौधरी की पत्नी डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, रालोपा ने खींवसर से सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को मैदान में उतारा है।
सहानुभूति और परिवार परंपरा के आधार पर दो बेटे
रामगढ़ सीट से कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबैर खान के बेटे आर्यन खान को टिकट देकर सहानुभूति का दांव खेला है। वहीं, झुंझुनू सीट से कांग्रेस ने सांसद बने बृजेन्द्र ओला के बेटे अमित ओला को टिकट दिया है। अमित अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं।*एक भाई भी मैदान में
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को भाजपा ने दौसा सीट से उम्मीदवार बनाया है। किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई के समर्थन में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।