शिक्षाविद ढ़ाका का निधन, नम आंखों से दी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

जयपुर टाइम्स
मण्डावा। जिदगी के आखिरी पड़ाव तक शिक्षा दान के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले शिक्षाविद्व मामराज ढ़ाका अब हमारे बीच नहीं रहे। जैसे ही उनके असामयिक निधन की खबर क्षेत्र में फैली मानों कोहराम मच गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षा प्रेमियों, जन प्रतिनिधियों से लगायत आम जनता का हुजूम उनके अंतिम दर्शन करने के लिए उमड़ पड़ा। सबकी आंखे नम थी और चेहरे पर मायूसी का भाव विद्यमान था। भाजपा जिला उपाध्यक्ष इजी. प्यारेलाल ढूकिया ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से समाज की अपूरणीय क्षति हुई है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षाविद्व, मधुर भाषी व मिलनसार 70 वर्षीय मामराज ढ़ाका का सोमवार को लम्बी बिमारी के बाद निधन हो गया है। उनका फतेहपुर शेखावाटी में इलाज चल रहा था। उनके दो पुत्र क्रमशः जनसेवी राजीव ढ़ाका, डॉ० राजेश ढाका और दो पुत्री लीला व सुभिता है। वे भरापूरा परिवार छोड़कर गए है। ढ़ाका का सोमवार को शाम को पैतृक गांव ढ़ाका का बास ( श्योपुरा ) में अन्तिम संस्कार किया गया। शव यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखो से अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इससे दौरान उनके दोनो पुत्रों ने चिता को मुखाग्नि दी।