गहलोत सरकार ने बदला योजना का नाम: 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' अब 'मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना'  

गहलोत सरकार ने बदला योजना का नाम: 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' अब 'मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना'  

जयपुर। गहलोत सरकार ने अपनी एक और योजना का नाम बदल दिया है। अब 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' को 'मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना' के नाम से जाना जाएगा। इस योजना का उद्देश्य शहरी बेरोजगारों को 100 दिनों का रोजगार प्रदान करना है। योजना का नाम बदलने की अधिसूचना सरकार ने जारी कर दी है।  

योजना की शुरुआत और लाभ 
यह योजना सितंबर 2022 में शुरू की गई थी। शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को रोजगार देने के लिए यह ग्रामीण मनरेगा की तर्ज पर चलाई जा रही है। योजना के तहत जॉब कार्ड बनाए जाते हैं और लाभार्थियों को शहरी विकास परियोजनाओं में काम दिया जाता है।  

पहले भी बदले गए योजनाओं के नाम 
गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के बाद कई योजनाओं के नाम बदले हैं।  
-इंदिरा रसोई योजना* को बदलकरअन्नपूर्णा रसोई योजना किया गया।  
-चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (MAA)* के नाम से मर्ज किया गया।  
- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना* को पन्नाधाय बाल गोपाल योजना* नाम दिया गया।  
-राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना* को *मुख्यमंत्री जल स्वालंबन योजना* बनाया गया।  

तीन योजनाओं का विलय  
इसके अलावा, *इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना, इंदिरा महिला शक्ति जागरूकता शिक्षा कार्यक्रम, और इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान योजना को मिलाकर *कालीबाई भील संबल योजनाका गठन किया गया है।  

यह बदलाव गहलोत सरकार की योजनाओं के पुनर्गठन और नई पहचान बनाने की नीति का हिस्सा माना जा रहा है।