ग्राम पंचायत खारिया: दादरवाल परिवार की दहेज मुक्त पहल बनी समाज की प्रेरणा
कुचामन सिटी। ग्राम पंचायत खारिया में दादरवाल परिवार ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक प्रेरणादायक मिसाल कायम करते हुए युवराज सुपुत्र श्री रामेश्वर लाल दादरवाल का विवाह सादगीपूर्ण तरीके से मात्र एक रुपये और नारियल के सगुन के साथ संपन्न किया। वधू प्रेमलता सुपुत्री श्री विनोद कुमार मारोठिया, निवासी भोपा का बास, कुचामन सिटी से यह विवाह बिना किसी दिखावे और दहेज के पारंपरिक रस्मों के साथ किया गया।
सादगी की परंपरा से प्रेरणा
दादरवाल परिवार पहले भी चार दहेज मुक्त विवाह आयोजित कर चुका है, और उनकी यह पहल अब आसपास के गांवों में भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है। हाल ही में खारिया पंचायत में पांच और दहेज मुक्त विवाह संपन्न हुए, जिनमें ग्रामीणों ने सादगी और समानता के साथ रिश्तों को जोड़ा।
सरपंच का संदेश: दहेज प्रथा के खिलाफ सभी आएं साथ
सरपंच डॉ. देवीलाल दादरवाल ने कहा, "दहेज प्रथा को समाप्त करना पूरे समाज की जिम्मेदारी है। सादगीपूर्ण विवाह न केवल आर्थिक बोझ को कम करते हैं, बल्कि समानता और संस्कृति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं।"
समाज का सहयोग और सांस्कृतिक संरक्षण
दादरवाल परिवार की इस मुहिम को ग्रामीणों और समाज का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इन विवाहों में महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत गाते हुए रस्मों को जीवंत बनाया, जिससे राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का भी प्रयास हुआ।
दादरवाल परिवार का संदेश: प्रेम और समानता से बने रिश्ते
दादरवाल परिवार ने अपील की कि विवाह प्रेम, विश्वास और सम्मान पर आधारित होने चाहिए, न कि दहेज पर। उन्होंने समाज के हर वर्ग से दहेज प्रथा को खत्म करने में योगदान देने की अपील की।
निष्कर्ष
दादरवाल परिवार और ग्राम पंचायत खारिया की यह पहल सादगी, समानता और सांस्कृतिक गर्व को बढ़ावा देने का प्रतीक बन गई है। यह मुहिम दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन का रूप ले रही है और समाज को नई सोच की दिशा दे रही है।