राहुल गांधी का हमला: गिने-चुने अमीरों को फायदा, अर्थव्यवस्था को नई सोच की जरूरत 

राहुल गांधी का हमला: गिने-चुने अमीरों को फायदा, अर्थव्यवस्था को नई सोच की जरूरत 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी वृद्धि दर 5.4% पर पहुंच गई है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक देश के आर्थिक लाभ का बड़ा हिस्सा केवल कुछ गिने-चुने अरबपतियों तक सीमित रहेगा, तब तक भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सकती।  

महंगाई, बेरोजगारी और गिरती आमदनी पर निशाना 
राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर है। आलू और प्याज की कीमतें पिछले साल की तुलना में 50% तक बढ़ गई हैं। बेरोजगारी 45 वर्षों के रिकॉर्ड स्तर पर है, और रुपया 84.50 के निचले स्तर पर पहुंच गया है।  

आर्थिक असंतुलन का आरोप  
गांधी ने कहा कि मजदूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आय ठहर गई है, जिससे मांग में कमी आई है। 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटकर 50% रह गई है, जो 2018-19 में 80% थी। सस्ते घरों की बिक्री का हिस्सा भी पिछले साल के 38% से गिरकर 22% रह गया है।  

नोटबंदी और जीएसटी का असर 
उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी और जीएसटी ने विनिर्माण क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसका हिस्सा घटकर 13% पर आ गया है, जो 50 वर्षों में सबसे कम है।  

नई सोच और समान अवसर की जरूरत 
राहुल गांधी ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स घटने और आयकर बढ़ने से आर्थिक असमानता बढ़ रही है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नई सोच और कारोबार के लिए नए समझौते की वकालत की। उन्होंने कहा, "सबको समान अवसर मिलेगा, तभी अर्थव्यवस्था तरक्की करेगी।"