एक पखवाड़े चला डाॅक्टरों का आन्दोलन समाप्त मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद काम पर आने को राजी हुए डाॅक्टर्स

चूरू। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डाॅक्टरों के 19 दिनों चले आन्दोलन के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता में सहमति बनने के बाद डाॅक्टरर्स काम पर लौट आए जिससे न केवल चिकित्सकों बल्कि आमजन को राहत मिली है।
राजस्थान प्रदेश स्तरीय सयुंक्त सघर्ष समिति एवं मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर राईट टू हेल्थ बिल के खिलाफ चले आन्दोलन के बाद सरकार और डाॅक्टरों के बीच हुई वार्ता के बाद आपसी सहमति बनी तो डॉक्टर्स काम पर लौटने को राजी हो गए। राज्य सरकार एवं चिकित्सकों के बीच ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ बिल को लेकर हुई वार्ता में मुख्य सचिव निवास पर प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा टी. रविकांतत एवंआईएमए, उपचार तथा पीएचएनएस के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता में विभिन्न बिंदुओं पर दोनों पक्षों की ओर से सहमति व्यक्त की गई। समझौते के अनुसार ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ लागू करने के प्रथम चरण में 50 बेड से कम के निजी मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा। जिन निजी अस्पतालों ने सरकार से कोई रियायत नहीं ली है या अस्पताल के भू-आंवटन में कोई छूट नहीं ली है। उन पर भी इस कानून की बाध्यता नहीं होगी। समझौते के अनुरूप प्राइवेट मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल्स, पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल, निःशुल्क या अनुदानित दरो पर भू-आवंटन वाले अस्पताल, ट्रस्ट द्वारा संचालित वे अस्पताल जिन्हें रियायती या अनुदानित दरों पर भूखण्ड प्राप्त हुए हैं, इन सभी अस्पतालों पर यह कानून लागू होगा। समझौते में इस बिंदु पर भी सहमति व्यक्त की गई कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर चल रहे अस्पतालों का ‘‘कोटा माॅडल‘‘ के अनुरूप नियमितीकरण पर विचार किया जाएगा। कोटा माॅडल के तहत उन अस्पतालों के भवनों को नियमों में शिथिलता प्रदान कर नियमित करने पर विचार किया जाएगा। जो आवासीय परिसर में चल रहे है। समझौते के अनुसार आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस एवं अन्य केस वापस लिए जाएंगे। निजी अस्पतालों को लाइसेंस एवं अन्य स्वीकृतियां जारी करने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम लाए जाने पर विचार किया जाएगा। निजी अस्पतालों को फायर एनओसी प्रत्येक पांच साल में देने के बिंदु पर विचार किया जाएगा। साथ ही, यह भी सहमति व्यक्त की गई कि भविष्य में स्वास्थ्य के अधिकार कानून से संबंधित नियमों में बदलाव आईएमए के प्रतिनिधियो से चर्चा  कर किया जाएगा।
मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ.महेश शर्मा ने जिले में सभी चिकित्सकों के मिले सहयोग पर आभार प्रकट किया है। डॉ.शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार के सकारात्मक सहयोग से चिकित्सा और चिकत्सकों को प्रोत्साहन मिलेगा।