गाजुसर में 500 ग्रामीणों का हुआ आयुर्वेदिक प्रकृति परीक्षण
जयपुर टाइम्स।
सरदारशहर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी अभियान "देश का प्रकृति परीक्षण अभियान" के तहत गाजुसर गांव में 500 ग्रामीणों का आयुर्वेदिक प्रकृति परीक्षण किया गया। यह पहल आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग द्वारा आयुर्वेद को घर-घर पहुंचाने और स्वास्थ्य सेवाओं को समग्र बनाने के लिए की गई है।
आयुर्वेद में प्रकृति परीक्षण की भूमिका
प्रकृति परीक्षण आयुर्वेद की एक अनूठी विधा है, जो व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक संरचना का निर्धारण करती है। इसे वात, पित्त और कफ दोषों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। यह परीक्षण स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गाजुसर में अभियान का संचालन
यह परीक्षण अभियान श्री भंवरलाल दूगड़ आयुर्वेद विश्व भारती के प्राचार्य डॉ. रवींद्र चौधरी और उप प्राचार्य डॉ. श्याम लाल शर्मा के निर्देशन में आयोजित किया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जेठाराम नोखवाल और डॉ. सुशील कस्वां के नेतृत्व में गांव गाजुसर के सरपंच मोहर सिंह भांभू के सहयोग से कार्यक्रम संपन्न हुआ।
डॉक्टरों की टीम की भागीदारी
परीक्षण के दौरान डॉ. प्रदीप बाना, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. शुभम, डॉ. नव्या, डॉ. प्रशांत, डॉ. प्रीति शुक्ला, डॉ. सोनिया खिलेरी, डॉ. राशि मीणा, और डॉ. डोली सहित कई चिकित्सकों ने योगदान दिया।
यह अभियान आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ पहुंचाना है।